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हिमाचल के स्कूली पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाऐ श्रीमद्भागवत गीता

हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों में विद्यालय इसलिए खोले जाते हैं ताकि बच्चों को सामान्य ज्ञान, विज्ञान, व्यावसायिक ज्ञान तथा उनके अपने जीवन, चरित्र और राष्ट्र के विकास में काम आने वाले ज्ञान संबंधी शिक्षाएं दी जा सकें।

SUNDER SINGH MEHTA
  • Oct 18 2021 1:26PM
सेवा में आदरणीय श्री जयराम ठाकुर जी माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश, सरकार विषय : हिमाचल के स्कूली पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाऐ श्रीमद्भागवत गीता महोदय, हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों में विद्यालय इसलिए खोले जाते हैं ताकि बच्चों को सामान्य ज्ञान, विज्ञान, व्यावसायिक ज्ञान तथा उनके अपने जीवन, चरित्र और राष्ट्र के विकास में काम आने वाले ज्ञान संबंधी शिक्षाएं दी जा सकें। जहां तक धार्मिक शिक्षा दिए जाने का प्रश्न है, तो इसके लिए लगभग सभी धर्मों में अलग धार्मिक शिक्षण संस्थाएं मौजूद हैं जो अपने-अपने धर्म-प्रचार के लिए अपने ही धर्म के बच्चों को अपने-अपने धर्मग्रंथों व अपने धर्म के महापुरुषों के जीवन परिचय तथा आचरण संबंधी शिक्षा देती हैं। पर सामान्यतया सरकारी स्कूलों में या सरकारी सहायता-प्राप्त स्कूलों में इस प्रकार की धार्मिक या धर्मग्रंथ संबंधी शिक्षा आमतौर पर नहीं दी जाती। कई राज्यों में तो श्रीमद्भागवत गीता की पढ़ाई शुरू भी कर दी गई है। इसमें एक राज्य मध्यप्रदेश भी है मध्यप्रदेश भी देश के ऐसे ही कुछ राज्यों में एक है जहां हिंदू धर्म के प्रमुख धर्मग्रंथ के रूप में स्वीकार्य भगवद्गीता स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल की जा चुकी है दूसरी बात यह है कि धर्मग्रंथों की शिक्षा देने के लिए पहले से ही विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने मदरसे, गुरुकुल तथा गिरजाघर आदि संचालित कर रहे हैं जिनमें वे अपने-अपने धर्म के बच्चों को अपने धर्मग्रंथ व अपने धर्मगुरुओं से संबंधित शिक्षाएं देते आ रहे हैं। तो प्रदेश के स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता को भी पढ़ाया जाना अनिवार्य बन जाता है ताकि हिन्दू वर्ग के बच्चे अपने धर्म की भी शिक्षा ग्रहण कर संस्कार बान बने । भगवतगीता में जीवन का संदेश है भगवद् गीता धार्मिक ग्रंथ ही नहीं है, बल्कि एक पूर्ण जीवन शास्त्र है। वर्तमान में लोग भौतिकता से परिपूर्ण जीवन जी रहे हैं, इस वजह से समाज में अशांति, अराजकता की स्थिति है। भगवत गीता की शिक्षा से लोग अहं की भावना छोड़कर अपने अंदर छिपे परमात्मा से परिचित हो सकेंगे। वर्तमान में भगवत गीता को स्कूल व कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं करने से लोग बहुत महत्वपूर्ण ज्ञान से वंचित हो रहे हैं जबकि अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश में भी भगवतगीता पर पढ़ाई हो रही है लेकिन भारत के स्कूल और कॉलेजों के सिलेबस में नहीं जो इस देश का दुर्भाग्य प्रतीत हो रहा है अतः हमारी आपसे प्रार्थना है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पाठ्यक्रमों में प्रमुख से शामिल कर पढ़ाई जाए ।। धन्यवाद सहित पवन समैला प्रान्त संयोजक बजरंग दल, हिमाचल प्रदेश

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