जल्द ही नवरात्रि शुरू होने वाली है. इस दौरान देशभर में लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। भक्त माता रानी की विशेष पूजा करने के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ भी करते हैं। अगर आप भी इस नवरात्रि मां दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहते हैं तो इन नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। शास्त्रों में दुर्गा चालीसा का पाठ करने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन करके पाठ करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है।
कब से नवरात्रि की शुरुआत?
पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर की रात 12 बजकर 19 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से प्रारंभ होगी और यह पर्व 12 अक्टूबर 2024 शनिवार को समाप्त होगा।
दुर्गा चालीसा पढ़ने के नियम
दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक चौकी पर बैठकर मां दुर्गा को फूल, रोली, दीपक, दूध और प्रसाद चढ़ाएं और पूजा करें। फिर दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू करें। दुर्गा चालीसा समाप्त होने के बाद देवी की आरती करें और फिर प्रसाद ग्रहण करें।
दुर्गा चालीसा पाठ के लाभ
1. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति को मानसिक तनाव और चिंता से भी मुक्ति मिलती है।
2. दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करने से आप अपने शत्रुओं के ऊपर विजय प्राप्त कर सकते है और साथ ही आपके ऊपर शत्रु पक्ष का प्रभाव कम ही पड़ता है।
3. इस चालीसा के पाठ से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और उसे सभी विशेष कार्यों को करने में सफलता प्राप्त होती है।
4. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से जीवन में बुरी शक्तियों से निजात मिलती है, साथ ही बुरी शक्तियों से परिवार का भी बचाव होता है।
5. दुर्गा चालीसा के रोजाना जाप करने से आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाले दुखों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
6. ऐसी मान्यता है कि दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ कर व्यक्ति अपना खोया हुआ सम्मान और संपत्ति भी प्राप्त कर सकता है।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। कलश स्थापना के लिए पहला शुभ समय सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है और घट स्थापना के लिए आपको 1 घंटा 6 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा दोपहर में भी कलश स्थापना का मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में है. यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। दिन में आप 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट के बीच कभी भी कलश स्थापना कर सकते है। दोपहर में आपको 47 मिनट का शुभ समय मिलेगा।