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शंकराचार्य जी ने बीच सभा में फाड़ी किताब...साधुओं के लिए कपटी, ठग जैसे शब्दों का किया गया था उपयोग..हमने उठाया था विषय

सुदर्शन न्यूज़ ने सामने लाया विषय

Yogesh Mishra
  • Jan 15 2023 11:18AM
 
 
 
 
 
 
सुदर्शन न्यूज़ ने छत्तीसगढ़ में 5 वीं की पुस्तक में ही चमत्कार नामक पाठ में साधु संतों के विषय में लिखे शब्दों पर आपत्ति जताई थी, साथ ही मामला उठाया था। सुदर्शन न्यूज़ का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसके बाद इस मामले को लेकर के छत्तीसगढ़ में लोग इस पाठ का विरोध कर रहे हैं। साथ ही इस मामले को लेकर साधु संत भी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
 
 
 
सभा में शंकराचार्य जी ने फाड़ी किताब
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा जारी कक्षा 5वीं की पुस्तक में चमत्कार नाम से लिखे पाठ में ठगी को लेकर जो बातें लिखी गई हैं, उन बातों को लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है और कक्षा 5वीं के पाठ 25 में ठगी को लेकर जो लेख लिखा गया है। उसका विरोध व्यक्त करते हुए ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने पुस्तक के पन्नो को भरी सभा में ही फाड़ते हुए इसका विरोध करने की बात कही साथ कानूनी लड़ाई लड़ने की बात तक कह दिया है। 
 
 
हमने उठाया था विषय -
 
 
दरअसल शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी दो दिवसीय कवर्धा जिले के प्रवास पर थे। इस दौरान वे ग्राम जुनवानी में आयोजित यज्ञ कार्यक्रम के सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान शंकराचार्य जी ने कहा कि यह एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन मे साधुओं के प्रति विरोध व गलत धरना भरी जा रही है। उन्होंने कहा कि ठग, साधु या स्वामी भेष में ही नही कई रूप में आते हैं, उसका क्यो उल्लेख नहीं किया गया? ये गलत है। पुस्तक में लिखे पाठ को हटाने की मांग करते हुए कार्यवाही करने की भी मांग शंकराचार्य द्वारा कही गई है।
 
 
'केवल साधु के वेश में नहीं आते ठग'
कवर्धा प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि इस पाठ के लेखक जाकिर अली हैं। हम लेखक और उसे शामिल करने की अनुशंसा करने वाली समिति पर कार्रवाई की मांग करते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि, इसका हम विरोध करते हैं। इस पाठ को किताब से हटाया जाए। यह बताया जाए कि किसी भी कपड़े में ठगी हो सकती है। फकीर के वेश में भी ठगी हो सकती है। फिर केवल साधुओं को गेरुआ वस्त्र में दिखाकर क्या कहने का प्रयास है?
 
 
 
क्या लिखा है किताब में?
दरअसल कक्षा 5 वीं की किताब में चमत्कार नामक एक पाठ है। जिसके लेखक जाकिर अली हैं। इस पाठ में जहां कपटी साधु शब्द का प्रयोग किया गया है। वहीं इस पाठ में गेरुआ वस्त्र पहने हुए व्यक्ति को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करके ले जाते दिखाया गया है। इसके साथ ही पाठ के आखिरी हिस्से में अपील की गई है कि ठग बनकर आने वाले साधु-संतों को लेकर कक्षा में चर्चा करें, जिसको लेकर के लगातार आपत्ति दर्ज की जा रही है।
 
 
 
स्वामी राजेश्वरानंद ने जताई आपत्ति
इस मामले को सामने लाने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सुरेश्वर महादेव पीठ के संस्थापक पंडित स्वामी राजेश्वरानंद जी ने कहा कि सुदर्शन न्यूज़ सदैव सनातन धर्म के मामलों को उठाता रहा है। ऐसे में जिस तरह से कक्षा पांचवी में चमत्कार नामक पाठ के माध्यम से साधु संतों को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया गया है, उसको सुदर्शन न्यूज़ ने सामने लाया है। जिसके लिए हम सुदर्शन ने उसका धन्यवाद देते हैं। साथ ही साधु संत लगातार कह रहे हैं कि इस मामले का विरोध किया जाएगा और कानूनी तौर पर भी कार्रवाई को लेकर के अपील करेंगे।
 
 
 

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