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कार में इंसान के बजाय बकरे भरे थे.. फिर UP पुलिस को दिखाया गया एक I -CARD और बात नही बनी तो दिखाया अलग ही रूप

मामला नोएडा पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में जिस पर चल रही है जांच।

Rahul Pandey
  • Jul 25 2020 12:31PM
खबर लिखे जाने से पहले यह जानना जरूरी है कि इससे पहले भी दिल्ली पुलिस के कुछ स्टाफ लॉकडाउन में जमा तीनों को बॉर्डर पार कराते पकड़े गए थे। यूपी पुलिस की सक्रियता थी कि सीमाओं को अभेद्य बनाए रखा अन्यथा दिल्ली जैसे हालात पड़ोसी जनपद गाजियाबाद और नोएडा में होते। इसके बावजूद भी कुछ ऐसे लोग भी हैं जो वर्दी पहन के भी हैं उसकी गरिमा गिरा रहे हैं और उन तमाम नियम कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं जो सरकार ने कोरोना के अपात काल में लागू किए हैं।

इन्हीं में से एक है दिल्ली पुलिस में तैनात हैड कांस्टेबल फिरोज जो पहले तो बकरों से लदी जीप को दिल्ली में जबरन ले जाने पर आमादा था तो वहीं दूसरी तरफ पकड़े जाने पर अपनी गलती को छुपाते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों पर आरोप लगाया है जो सीमा पर मुस्तैदी से खड़े होकर अपनी ड्यूटी को कर रहे थे। यह मामला है नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र का।

दनकौर कोतवाली क्षेत्र में जीप में लदे बकरों को लेकर दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर से भिड़ंत कर ली है और उसके बाद उन पर आरोप भी मढ डाले हैं.. बताया जा रहा है कि अपने मंसूबो में कामयाब न होने पर दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल फिरोज ने उत्तर प्रदेश पुलिस के दारोगा और सिपाहियों पर मारपीट और पर्स छीनने का आरोप लगा दिया है।

मूलरूप से गाजियाबाद के मुरादनगर निवासी दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात फिरोज अहमद जेवर के गांव से एक जीप में बकरे लेकर यमुना एक्सप्रेस वे से होते हुए कहीं जा रहे थे.. कोरोना काल में उच्च स्तर पर सक्रिय हो कर वाहनों की जांच के दौरान दनकौर पुलिस ने कार चालक को रोककर बकरों के बारे में जानकारी ली। 

संतोषजनक जवाब न दे पाने पर दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल फिरोज पहले तो खुद भी पुलिस में होने का रौब झाड़ा और बाद में साम दाम दंड भेद की नीति अपनाने लगा। यूपी पुलिस के दनकौर में तैनात सब इंस्पेक्टर ने किसी भी दबाव या प्रभाव में आने से इंकार कर दिया तो फिरोज उन सभी पुलिसकर्मियों से लड़ने झगड़ने लगा और मारपीट पर उतारू हो गया। दनकौर पुलिस के स्टाफ ने इसके बाद भी संयम रखा और विधिक कार्यवाही की जिसके बाद फिरोज नाराज हो गया और उसने दनकौर पुलिस कर्मियों पर आरोप मढ़ने शुरू कर दिया।

संवैधानिक रूप से कार्यवाही करते हुए जब  उसका बकरों से लदी जीप का चालान हुआ तब  फिरोज भड़क गया और उसने  पुलिसकर्मियों पर ₹15000 छीनने और मारपीट करने के आरोप लगा दिए ।  उच्चाधिकारियों के  संज्ञान में हम आमला आ चुका है और इस पर जांच जारी है  लेकिन जिस प्रकार से फिरोज ने पहले नियम कानून को तोड़ने की कोशिश की और बाद में  पुलिस बल पर आरोप लगाया उससे कहीं न कहीं  यह सवाल जरूर उठता है कि  क्या एक हेड कांस्टेबल के रूप में वह अपनी सेवाओं का  सही से निर्वहन कर रहा होगा ।

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