इनपुट - ज्ञानेष लोहानी, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट ने सीआरपीसी की धारा-144 यानी निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह निषेधाज्ञा अगले महीने 8 नवंबर तक लागू रहेगी। खास बात यह है कि इस दौरान 24 विशेष पाबंदियां लागू की गई हैं। जिनका शहर के निवासियों और यहां आने वाले लोगों को पालन करना पड़ेगा। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोरडिया ने तत्काल प्रभाव से निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया है।
इन वजहों से लागू की गई है धारा-144 -
लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त की ओर से जारी किए गए इस आदेश में कहा गया है कि 7 अक्टूबर से नवदुर्गा पर्व प्रारंभ हो रहा है। जिसके बाद 14 अक्टूबर को रामनवमी पर्व है। दशहरा 15 अक्टूबर को है और 19 अक्टूबर को ईद-ए-मिलाद बारावफात है। इसके बाद 4 नवंबर को दीपावली है और 6 नवंबर को भैया दूज है। इन त्योहारों के अलावा विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। समांतर रूप से कोविड-19 महामारी का प्रभाव जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। इन त्योहारों और प्रवेश परीक्षाओं के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाया जाना नितांत आवश्यक है। आदेश में आगे कहा गया है कि फिलहाल भारतीय किसान संगठन और विभिन्न प्रदर्शनकारियों ने धरने-प्रदर्शन की घोषणा की है। इससे शांति भंग होने की आशंका है। लिहाजा, तत्काल प्रभाव से पूरे लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की जा रही है।
राजधानी में यह सारे प्रतिबंध लागू होंगे-
धारा-144 लागू करने के लिए आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से लागू किए गए कोरोना कर्फ्यू और गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करना होगा। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सभी स्थानों में रेस्टोरेंट, होटल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल, जिम और स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्षमता के सापेक्ष केवल 50% लोगों को सुविधाएं दी जाएंगी। स्विमिंग पूल पूरी तरह बंद रहेंगे
विधानसभा के एक किलोमीटर के दायरे में धरना प्रतिबंधित-
आदेश में जानकारी दी गई है कि विधानसभा के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में ट्रैक्टर, ट्रैक्टर-ट्रॉली, घोड़ागाड़ी, बैलगाड़ी, बस, तांगा गाड़ी, आग्नेय अस्त्र, ज्वलनशील पदार्थ, गैस सिलेंडर, घातक पदार्थ और हथियार लेकर आवागमन करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही इस दायरे में कोई धरना प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। इस प्रकार के वाहनों और वस्तुओं का प्रवेश या धरना प्रदर्शन करने पर सीआरपीसी की धारा-144 का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।