अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की जब बात आती है तो हम जैसे भारतीयों के लिए एक सवाल स्वत: खड़ा होता है कि, क्या अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को कार्यक्रमों की औपचारिकता तक सीमित करके हम समस्या का समाधान निकाल सकते हैं लेकिन यह एक शुरूआत है। हमने तो अपने पर्व और त्योहारों को नारी शक्ति के साथ जोड़ा है। मिशन शक्ति जैसे अभियान की शुरूआत ही शारदीय नवरात्रि को हुई। नारी की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की। पुलिस में 20 प्रतिशत महिलाओं को भर्ती किया गया। महिला हेल्पलाइन का दायरे को बढ़ा कर चार जिलों से 75 जिलों में शुरू किया गया। स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया। यह बातें अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 15 महिलाओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सभी को बधाई देते हुए कहा कि माता के समान कोई छाया नहीं है, माता के समान कोई सहारा नहीं है। माता के समान कोई रक्षक नहीं है और माता के समान कोई प्रिय नहीं है, यही हम भारतीयों की धारणा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी यूपी में मिशन शक्ति की शुरूआत शारदीय नवरात्रि के दिन हुई थी। नारी शक्ति की प्रतीक जगजननी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम हम वर्ष में दो बार आयोजित करते हैं। दोनों अवसरों पर हम नारी शक्ति के बारे में उसकी महिमा उनकी शक्ति के एहसास की तुलना ही नहीं बल्कि उसका अनुसरण भी करते हैं। यही अवसर दीपावली पर भी प्राप्त होता है। नारी का सम्मान हमारी परम्परा व संस्कारों के साथ जुड़ा हुआ है। नारी सम्मान को सिर्फ त्योंहारों व औपचारिकताओं तक ही सीमित नहीं रखना है, इसे आगे बढ़ाना है। इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मिशन शक्ति के दूसरे चरण का आगाज किया जा रहा है।
थारू जाति को मिली नई पहचान-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में सरकार बनने के साथ हमारे सामने कई चुनौतियां थी। यूपी आबादी के हिसाब से देश में सबसे बड़ा प्रदेश है। यहां की विविधता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की जनता के समग्र व समावेशी विकास के लिए योजनाओं को तैयार किया गया। ताकि जाति, भाषा व क्षेत्र के नाम पर विभाजन न हो सकें। इसके बाद समाज में कुछ तबको को विशेष प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत पड़ती है। उस समय सरकार व समाज उनके साथ खड़ा रहेगा। लखीमपुर की थारू जनजाति के बनाए उत्पादों को एक जनपद एक उत्पाद से जोड़ा गया। इससे उनको राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली। समाज जब भी अपनो के साथ भेदभाव करता है, तो उसका एक विकृत रूप देखने को मिलता है। यह वही जाति है जो नेपाल के अंदर माओवादी कहलाते है लेकिन यूपी में समाज की मुख्य धारा से जोड़ कर इनको नई पहचान दी गई। आरती राणा थारू जनजाति से जुड़ी हुई है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाएं सीधे जनता तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।
बुंदेलखंड से रूका पलायन, मिला पानी-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति जानता है कि बुंदेलखंड सूखे से त्रस्त रहता था। सूखे की मार से यहां के लोग पलायन करने पर मजबूर थे। सरकार बनने के बाद चार सालों में सूखे की समस्या का काफी हद तक निदान किया गया है। प्रधानमंत्री की हर घर नल योजना के जरिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता कराई जा रही है। बुंदेलखंड में मेरी रूचि इस बात को लेकर भी थी कि आजादी से अब तक यह विकास की ऊंचाईयों क्यों नहीं छू सका। 2019 में यहां बलिनी मिल्क प्राडयूसर की स्थापना की गई। एक साल में ही बलिनी मिल्क प्राडयूसर ने 46 करोड़ रूपए का टर्नओवर किया और 2 करोड़ का मुनाफा कमाया। सीएम ने कहा कि जब सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन एक साथ जोड़ेगा तो नारी सशक्तिकरण का लक्ष्य स्वता ही प्राप्त होगा।
मिशन शक्ति से बढ़ा वीमेन पावर लाइन का दायरा-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह मिशन शक्ति की शुरूआत छोटे स्तर पर की थी। इस योजना की जानकारी मुझे हुई तो इसे बड़े स्तर पर शुरू करने के निर्देश दिए गए। इसी का नतीजा है कि जब हमारी सरकार बनी तो वीमेन पावर लाइन 1090 चार जिलो में चल रही थी। इसका दायरा बढ़ाया कर सभी जिलो में शुरू किया गया। महिलाएं किसी भी जिलें से फोन कर अपनी समस्या बता सकती है, उन तक तुरंत मदद पहुंचती है।
महिलाओं का विकास कर रही है सरकार की ये योजनाएं-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं के उद्धार के लिए सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है। कन्या सुमंगला योजना के जरिए बालिका के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई तक 16 चरणों में 15 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के माध्यम से डेढ़ लाख बालिकाओं के विवाह कराए गए। सरकार की ओर से उनको गृहस्थ जीवन के लिए 51 हजार रुपए की धनराशि भी दी गई। महिलाओं के विरूद्ध अपराध करने वाले मुजरिमों को जल्द सजा दिलवाने के लिए प्रदेश में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के जरिए 6 माह से लेकर के 5 वर्ष के बालक या बालिका पौष्टिक आहार देना। गरीब परिवार को दुधारू गाय के साथ 900 रूपए महीने की आर्थिक मदद भी दी जा रही है।
कोरोना में भी जारी रहे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 80 हजार कोटेदारो द्वारा राशन वितरण किया जा रहा है। पीडीएस मशीन से सत्यापन के बाद लोगों को राशन दिए जाने की व्यवस्था है। खाद्यान्न वितरण में कहीं गड़बड़ी पाई गई तो उस कोटेदार का लाइसेंस निरस्त कर खाद्यान्न वितरण की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह को दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भी सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास जारी रखें। इस दौरान 59 हजार बैंक सखी को ट्रेनिंग दिए जाने का काम जारी रखा गया। गांव के लोगों को पैसा जमा करने व निकलने के लिए बैंक तक नहीं जाना पड़ेगा। बैंक सखी उनका समस्या का हल घर पर ही कर देंगी।
स्वच्छ भारत मिशन ने लगाया कोरोना पर लगाम-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की तो सबने इस पर सवाल खड़े किए थे लेकिन कोराना पर लगाम कसने में स्व्च्छ भारत मिशन एक हथियार साबित हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत चार सालों में 2 करोड़ 61 लाख शौचालय बनाए गए। जो नारी गरिमा का सुरक्षा कवच भी है। कोराना प्रबंधन में स्वच्छ भारत मिशन महत्वपूर्ण अभियान साबित हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के जरिए 40 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराए गए हैं जबकि 56 परिवारों को रसोई गैस व 30 लाख परिवारों को निशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं।