अपनी कथाओं में इस्लामिक चर्चा और प्रचार करने वाले कथित धर्माचार्यो और कथावाचकों पर देश का गुस्सा फूट रहा है।तथाकथित हिन्दू धर्मचार्यो और कथावाचकों द्वारा व्यासपीठ पर बैठकर इस्लामिक आयतों और उनकी प्रशंसा में गीत गाये जाने को लेकर सनातन धर्म की रक्षा और हिन्दू अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे धर्माचार्यो में बेहद आक्रोश और गुस्सा है। भारत में धार्मिक सुधार के नाम पर सनातन धर्म और सनातनी व्यवस्था पर सदैव आक्रमण होते रहे हैं और अब ये हमला अपने आप को सनातनी और धर्म उपदेशक कथावाचक कहने वाले कुछ छद्म लोगों के समूह द्वारा किया जा रहा है। हिन्दु भक्तों को अपनी कथा से इस्लाम की शिक्षा देने वाले इस्लामचार्यो के पीछे बड़ी साजिश और षड्यंत्र इस्लामिक देशो और वामपंथी विचारधारा वाले लोगों की है। इसके लिए एक नहीं, दो नही अनेक संतो कथावाचकों द्वारा अचानक से ही बड़ी संख्या में अपनी-अपनी कथाओं में इस्लाम और कुरान की शिक्षा की तारीफ करना भारत में एक नए किस्म के ज़ेहाद को जन्म देता लग रहा है।
उखाड़ फेंके इस्लामाचार्यो का मंच -
स्वामी श्यामाचार्य जी महाराज ने ऐसे सभी साधु-संत और कथावाचकों का विरोध करने की अपील की है जो अपने उपदेशों अथवा कथाओं के माध्यम से इस्लाम का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे सभी साधू सन्यासियों और कथा वाचकों का बहिष्कार करने की अपील की है, साथ ही उन्होंने सनातन संस्कृति के अनुयायियों से आवाहन किया है कि वह ऐसे तथाकथित साधुओं के मंच को उखाड़ फेंके जो अपने मंच से सनातन संस्कृति की जगह इस्लाम का प्रचार करें।
अभी हाल में ही मंदिरों की संपत्तियों को लेकर अनेक काँग्रेसी और वामपंथी दलों द्वारा उनकी संपत्ति को जब्त करने को लेकर मुहिम चलाई गई और सोशल मीडिया पर हिन्दू विरोधी लोग इसे लेकर मुहिम भी लगातार चलाते रहे हैं, ऐसे में इनके तार इन कथित भगवाताचार्य और कथावाचकों की तरफ भी जुड़ते लग रहे हैं।