समाजवादी पार्टी ने रामपुर जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समजवादी पार्टी अलग ही रास्ते पर जा रही है। जनता जहाँ एक ईमानदार और जनता की समस्याओं को हल करने वाला प्रत्याशी चाहती है वही, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपराधियों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो रहे है। बता दें कि सौ से अधिक मुकदमे में फंसे आज़म खान को समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ से प्रत्याशी बनाया है।
वही, इसके तहत शहर विधानसभा सीट से सांसद आजम खां को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि स्वार टांडा से उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा चमरौआ और मिलक सुरक्षित सीट से पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है, जबकि, बिलासपुर विधानसभा सीट से अमरजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है।
जिले में दूसरे चरण में विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए 21 जनवरी से नामांकन शुरू हो जाएंगे। जबकि, 14 फरवरी को मतदान होगा। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी मंगलवार को अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अखिलेश यादव अपराधियों पर मेहरबान होते नजर आ रहे है। जिस आजम खान पर सैकड़ो मुकदमें दर्ज है, और फिलहाल जेल से बाहर आया है उस आजम खान को अखिलेश यादव ने टिकट देकर जनता की नजरों में अपराधों को बढ़ावा देने का काम किया है।
शहर विधानसभा सीट से सांसद आजम खां चुनाव लड़ेंगे। वहीं, स्वार टांडा विधानसभा सीट से आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम खां सपा के टिकट पर एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे।हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें प्रत्याशी बनाया गया था और जीत भी गए थे, लेकिन उम्र पूरी न होने के कारण हाईकोर्ट ने उनका निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। अब सपा ने उन्हें दोबारा प्रत्याशी बनाया है।
इसके अलावा चमरौआ से आजम खां के करीबी मौजूदा विधायक नसीर अहमद खां एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। जबकि, मिलक सुरक्षित सीट से सपा ने पूर्व विधायक विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। विजय सिंह 2012 में सपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। वहीं, बिलासपुर विधानसभा सीट से सपा ने अमरजीत सिंह को प्रत्याशी बनाया है।