(इनपुट - शैलेन्द्र पांडे, लखनऊ)
जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में आम चुनाव पास आ रहे हैं वैसे वैसे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर होते जा रहे हैं एक बार फिर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को कठघरे मे खड़ा किया है। अखिलेश यादव ने इस बार भाजपा सरकार पर प्राचीन मंदिरों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने कहा कि चम्बल के बीहड़ों के बीच प्राचीन चौसठ योगिनी मंदिर स्थापित है, जहां कला का अनुपम उदाहरण है लेकिन भाजपा सरकार को इसकी सुध लेनी की फुर्सत नही है।
संसद भवन इसी मंदिर की प्रतिकृति - अखिलेश
यह मंदिर मध्य प्रदेश के मुरेना जिले से 40 किलोमीटर दूर मितावली पहाड़ी में 300 फिट की उंचाई पर स्थापित है। मंदिर को इंकक्तेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। जिसका निर्माण नवीं सदी मे प्रतिहार वंश के राजाओं ने करवाया था। मंदिर प्रांगण में पहले से ही सभी देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित है। आज के तकरीबन एक हजार वर्ष पहले इसकी मान्यता तांत्रिक अनुष्ठान विश्वविद्यालय के रूप में थी जहां देश-विदेश से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। भारत की राजधानी मे दिल्ली का संसद भवन का भी डिजाइन भी इसी मंदिर से लिया गया था। दिल्ली स्थित संसद भवन के वास्तुकार सर एडवन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने संसद भवन का डिजाइन यही से लिया था। अखिलेश यादव कहा की अब इस मंदिर दुर्दशा देख कर बड़ा दुख हो रहा है। भाजपा सरकार में मंदिर का नाम लेकर देश प्रदेश की सत्ता पर काबिज है लेकिन इस तरह के प्राचीन मंदिरों की सरकार कोई सुध नहीं ले रही।
लखनऊ का लोकभवन बन गया है अन्याय का केंद्र -
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित विधान सभा के सामने लोक भवन का निर्माण भी वास्तुशिल्प पर ही कराया था इसके पीछे जनता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मंशा कराया था लेकिन वर्तमान की भाजपा सरकार लोकभवन मे बैठकर अन्याय करने वाले फैसलों का केंद्र बना दिया है।