इनपुट-श्वेता सिंह, लखनऊ
हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने, देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिलने के बावजूद पत्रकार और आल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को राहत नहीं मिली है। यूपी सरकार ने मंगलवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज छह मामलों की जांच के लिए दो सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
जुबैर का सुदर्शन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रोपेगैंडा हुआ असफल-
बता दें कि मोहम्मद जुबैर पर हिंदुओं की भावनाओं पर टीका टिप्पणी करने के अलावा भी पांच मामले दर्ज हैं। देवताओं पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने,भड़काऊ पोस्ट करने सहित छह मामलों में से दो मामले हाथरस जिले में जबकि एक-एक मामला सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में दर्ज है। दूसरी तरफ जुबैर ने सुदर्शन के खिलाफ भी झूठ फैलाने की मंशा से अंतरराष्ट्रीय प्रोपेगैंडा रचा था,लेकिन जुबैर की कोशिश असफल हुई है तथा सुदर्शन फिर से सच साबित हुआ।जिसके बाद जुबैर पर कड़ी कार्रवाई की गई है।इस मामले में जुबैर को लखीमपुर ACJM कोर्ट में पेश किया गया।
जानें सुदर्शन चक्र को छेड़ने वाला पूरा मामला-
दरअसल, इजराइल व इस्लामिक आतंकी दल हमास के बीच चल रही लड़ाई को लेकर सुदर्शन ने एक शो के दौरान कुछ ग्राफिक्स दिखाए थे। इसके बाद अल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर ने सुदर्शन न्यूज़ के 1 मिनट के प्रोमो के आधार पर सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया कि सुदर्शन न्यूज़ ने प्रोमो में मदीना की मस्जिद को दिखाकर मुस्लिम धर्म की भावनाओं को आहत किया है।
जिस पर सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट कर लिखा, “सुदर्शन को बहाना बना कर @zoo_bear ( मोहम्मद जुबैर ) ने देश के दुश्मनों को एकत्र कर हिंदुओं को बदनाम किया। झूठ का सहारा लिया, सुदर्शन चक्र को छेड़ने वालों का हाल… क्या होगा?जिसके बाद सुरेश चव्हाणके ने अपने शो ‘बिंदास बोल’ में इस मामले को लेकर प्रोग्राम किया।
जिसके बाद जुबैर को लखीमपुर ACJM कोर्ट में पेश किया जाएगा। सुनवाई के बाद यूपी के सीतापुर जेल में बंद जुबैर को सोमवार शाम दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी बनी है।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि स्थानीय पुलिस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जांच के लिए एसआईटी को सौंपेगी।