पिछले दिनों जब दिल्ली से अचानक की उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों का एक रात के बाद पलायन शुरू हो गया तब यह विचार किया जाने लगा कि कहीं न कहीं कोई न कोई बड़ी साजिश इसके पीछे जरूर है। उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सारे विषय को खाने-पीने रहने सोने आदि से जोड़ दिया और छिपा गए एक बड़ा सच जो असल जिम्मेदार था इस बड़े गुनाह के पीछे।
ध्यान देने योग्य है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों के हटते हैं सामने आने लगा एक बहुत बड़ा स्याह सच जिसको जानकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। रोहिग्या ने दिल्ली की खाली जमीनों को अब कब्जा करना शुरू कर दिया है । दिल्ली का रहने वाला एक श्रमिक जीवन भर खून पसीने की कमाई से भी दिल्ली में एक जमीन का कोना नहीं ले पाता जबकि रोहिग्या ने दक्षिण दिल्ली के मदनपुर खादर नाम के क्षेत्र में एक भूभाग पर कब्जा कर लिया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अवैध शिविर से कालिंदी कुंज थाना पुलिस की सांठगांठ से अवैध रूप से गांजा, स्मैक और अन्य मादक पदार्थों का गोरखधंधा चल रहा है। RWA भी कई दफा दिल्ली पुलिस से इस अवैध बस्ती को हटाने के लिए आग्रह कर चुका है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यूपी सिंचाई विभाग की जिस भूमि पर अवैध रोहिंग्याओं का कब्जा है वो लगभग 5.2 एकड़ जमीन है। जिसका खसरा नंबर 612 है और इसकी कीमत अरबों रुपए है। जिस पर योजनाबद्ध तरीके से पुलिस संरक्षण की वजह से अवैध रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों ने कब्जा कर रखा है।
कहना गलत नहीं होगा कि अब दिल्ली बांग्लादेशियों के साथ साथ रोहिग्याके भी हाथों में जा रही हैं। सुदर्शन न्यूज़ ने इससे पहले भी दिल्ली के बवाना क्षेत्र में बांग्लादेशियों के अवैध कब्जे को प्रमुखता से दिखाया था जिस पर वामपंथी वर्ग के साथ खुद अरविंद केजरीवाल ने उंगली उठाई थी, लेकिन आख़िरकार सुदर्शन की चिंता अब एक-एक करके सच साबित हुई है और अब उत्तर दिल्ली बांग्लादेशियों के व दक्षिण दिल्ली रोहिग्या के हाथ में जाती दिखाई दे रही है। इस पूरे मामले में दिल्ली दंगों के एक बड़े गुनहगार का नाम निकल कर सामने आ रहा है जोकि एक पार्टी का कद्दावर नेता है । फिलहाल इस पूरे मामले में उस क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है जो सड़कों पर निकल रहे मजदूरों को पीटने में तो आगे दिखी लेकिन अंदर ही अंदर फैल रहे इस भयानक संक्रमण की तरफ खामोश रही..