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अधिकारियों का दबाव नहीं झेल पाया रोडवेज का स्टोरकीपर, फांसी लगाकर खत्म कर ली जिंदगी

लखनऊ रीजन चारबाग डिपो में स्टोरकीपर के पद पर तैनात चंद्रशेखर ने आशियाना स्थित नाबार्ड कॉलोनी में अपने घर पर रविवार को फांसी लगा ली. घरवालों के मुताबिक वे पिछले काफी दिन से इस बात

रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1
  • Jan 30 2023 10:12AM

इनपुट- संदीप मिश्रा, लखनऊ

 
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी भारी दबाव के चलते अपनी जिंदगी अपने ही हाथों खत्म कर रहे हैं. रविवार को रोडवेज के एक स्टोर कीपर ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. पिछले काफी सालों से रोडवेज में भंडारपाल के पद पर नौकरी कर रहे चंद्रशेखर ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी. घरवालों का आरोप है कि अधिकारियों ने इतना प्रेशर बना रखा था कि उन्होंने फांसी ही लगा ली.
 
लखनऊ रीजन चारबाग डिपो में स्टोरकीपर के पद पर तैनात चंद्रशेखर ने आशियाना स्थित नाबार्ड कॉलोनी में अपने घर पर रविवार को फांसी लगा ली. घरवालों के मुताबिक वे पिछले काफी दिन से इस बात को लेकर परेशान थे कि हर माह उनके वेतन से रिकवरी के तौर पर ₹6000 काट लिए जाते थे जिससे घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा था. नौकरी में बड़ा दबाव था. रोडवेज के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पिछले साल परिवहन निगम में मोबिल घोटाला सामने आया था जिसमें कार्यशालाओ में तैनात फोरमैन, स्टोर कीपर और अन्य जिम्मेदारों की संलिप्तता भी सामने आई थी. 
 
जांच कराई गई तो यह भी सामने आया कि कार्यशाला के जिम्मेदार जले हुए मोबाइल को बसों में डाल देते थे और स्टोर से नया मोबाइल मार्केट में ब्लैक कर देते थे. इसके बाद अधिकारियों की तरफ से रिकवरी बनाई गई. बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर पर ₹90000 की रिकवरी बनी थी और हर माह उन्हें ₹6000 वेतन से कटवाने पड़ते थे. हालांकि इस मामले में घरवालों का साफ कहना है कि चंद्रशेखर की कोई भी गलती नहीं थी. किसी भी घोटाले में वे शामिल नहीं थे. जबरदस्ती के आरोप लगाए गए थे. बेवजह का दबाव बनाया जा रहा था.
 
रोडवेज के स्टोरकीपर चंद्रशेखर के फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने को लेकर रोडवेज के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. रोडवेज यूनियन के नेताओं का कहना है कि अधिकारियों के दबाव के चलते कर्मचारी मौत को गले लगा रहे हैं. कई अधिकारी और कर्मचारी दबाव के चलते अपनी जिंदगी समाप्त कर चुके हैं.

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