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रांची की महापौर आशा लकडा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र निगम में किये जा रहे हस्तक्षेप पर जताया विरोध

रांची नगर निगम और झारखण्ड सरकार के बीच तकरार बढ़ गयी है, महापौर आशा लकडा ने मुख्यमंत्री सह नगर विकास विभाग के विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. महापौर ने क्या कुछ पत्र में उल्लेखित किया है उसे हम हुबहू आपके सामने रख रहे हैं:

झारखण्ड ब्यूरो
  • Jun 16 2020 10:02PM

रांची: रांची नगर निगम और झारखण्ड सरकार के साथ तकरार बढ़ गयी है, महापौर आशा लकडा ने मुख्यमंत्री सह नगर विकास विभाग के विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. महापौर ने क्या कुछ पत्र में उल्लेखित किया है उसे हम हुबहू आपके सामने रख रहे हैं: म्हापुअर ने लिखा है कि अनुमोदन पर शहरी राज्य शहरी विकास अभिकरण के द्वारा राजस्व संग्रह के लिए टेंडर निकाले जाने को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता से प्राप्त मंतव्य स्पष्ट होता है कि उनके द्वारा किए गए टेंडर झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 एवं झारखंड मुंसिपल अकाउंट मैन्युअल पार्ट ए के किए गए प्रावधानों के खिलाफ है। संबंध में आज माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आग्रह की हूँ  संबंधित अधिकारियों को नियम संगत कार्य करने का आदेश पारित करें।
रांची नगर निगम एक स्वतंत्र इकाई है। आर्थिक दृष्टकोण से स्वयं को मजबूत करने की दिशा में नगर निगम को परिषद की बैठक में निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। 27 मई को राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक शशि रंजन ने नगर आयुक्त को पत्र के माध्यम से सूचित किया था कि रांची और धनबाद में कर संग्रहण के लिए रिवेन्यू शेयरिंग मॉडल के आधार पर एजेंसी का चयन सूडा के माध्यम से किया जा रहा है। सूडा निदेशक ने तर्क दिया है कि एकीकृत व्यवस्था लागू करने के लिए सूडा के माध्यम से दोनों निकायों के लिए एजेंसी का चयन टेंडर के माध्यम से किया जा रहा है। जबकि इससे पूर्व मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड ने रांची नगर निगम को पत्र के माध्यम से सेवा विस्तार करने का अनुरोध किया था। चूंकि 12 अगस्त 2020 को मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड की सेवा अवधि समाप्त हो रही है। इसलिए एकरारनामा की शर्तों के तहत कंपनी की ओर से सेवा विस्तार करने का अनुरोध किया गया था। एकरारनामा की शर्तों के तहत कंपनी के परफॉ़र्मेंस को देखते हुए रांची नगर निगम स्वत: कार्य विस्तार देने के लिए अधिकृत है। कंपनी के अनुरोध पत्र के आधार पर दिनांक 09.06.2020 को नगर निगम परिषद की बैठक में इस प्रसातव को लाकर पारित भी किया जा चुका है। कंपनी को आगामी तीन वर्षों के लिए परिषद की बैठक में सेवा विस्तार प्रदान किया जा चुका है। अब 11 जून को एजेन्सी  के द्वारा  नगर आयुक्त को पत्र लिख सेवा विस्तार से संबंधित अनुरोध को रद्द करने का आग्रह किया गया है। 
मैं आप सभी से कहना चाहूंगी कि 2014 से लेकर अब तक नगर विकास विभाग के माध्यम से रांची नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं किया गया। विभाग के माध्यम से शहर के विकास के लिए विभिन्न मदों के माध्यम से फंड आवंटित किए जाते रहे। वर्तमान सरकार में माननीय मुख्यमंत्री स्वयं नगर विकास मंत्री के पद पर बैठे हैं। वे स्वयं सभी निकायों की मॉनिटरिंग करते हैं। अब तक उन्होंने निकायों में लंबित योजनाओं व भविष्य की योजनाओं को लेकर विभागीय सचिव के साथ कोई बैठक नहीं की। उन्हें निकायों में सिर्फ भ्रष्टाचार ही नजर आ रही है। बिना किसी जानकारी के उन्होंने रांची नगर निगम में एसीबी के माध्यम से जांच कराई। टाउन प्लानर को हटा दिया। जबकि टाउन प्लानर के ऊपर कोई आरोप अब तक सिद्ध नहीं कर पाए। अब विभागीय स्तर पर कर वसूली के लिए सूडा के माध्यम से टेंडर निकाला गया है। मैं माननीय मुख्यमंत्री से पूछना चाहूंगी कि पूर्व में भी नगर विकास विभाग का मंत्री रह चुके हैं। उसके बाद भी उन्हें नगरपालिका अधिनियमों की जानकारी है या नहीं । यदि आप स्वयं निकायों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करेंगे तो शहर का विकास कैसे होगा। कर वसूली के कार्यों के लिए एजेंसी चयनित करने का अधिकार रांची नगर निगम को है, न कि सूडा को। विभाग के द्वारा  निकायों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए मार्गदर्शन देना चाहिए, न कि टेंडर प्रक्रिया में संलिप्त होकर किसी खासमखास एजेंसी को फायदा पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए।  यदि रांची नगर निगम चयनित एजेंसी मेसर्स स्पैरो सॉफ्टेक प्राइटेट लिमिटेड के माध्यम से कर वसूली कार्यों में सक्षम नहीं था, तो विभाग को इस मामले में नगर निगम से जानकारी लेनी चाहिए थी। पिछले पांच वर्षों के रिकॉर्ड के आधार पर आपको यह निर्णय लेना चाहिए था कि राजस्व वसूली में रांची नगर निगम कहां था और आज कहां पहुंच गया।  अगर  किसी एजेंसी ने अच्छे कार्यों किए हैं तो प्रसंसा अवश्य होनी चाहिए। आज यह भी प्रश्न उठ रहा है कि जो एजेंसी मात्र 15 दिन पहले कार विस्तार करने का आग्रह किया है और परिषद् के द्वारा कार्य विस्तार देने के बाद वह कार्य करने में असमर्थ बता रहे हैं तो यह प्रश्न उठता है कि क्या कारण है । जनता सब समझती है ।  मैं माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह करती हूं कि शहर के विकास के प्रति सकारात्मक दृष्टकोण रखें। रांची नगर निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में सशक्त पहल करें। नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप कर हमारे मनोबल को कमजोर न करें। रांची नगर निगम हर वित्तीय वर्ष में अपने राजस्व को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। होल्डिंग टैक्स के लिए स्व कर निर्धारण की प्रक्रिया से लेकर अॉनलाइन सिस्टम से भुगतान करने की प्राणाली सबसे पहले रांची नगर निगम ने ही शुरु की। अब राज्य के सभी नगर निकायों में रांची नगर निगम के फॉर्मूले को  मॉडल मानते हुए लागू किया गया है। बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में रांची नगर निगम द्वारा तैयार किए गए होल्डिंग टैक्स के फॉर्मूले को लागू किया गया है। सभी नगर निकायों के लिए रांची नगर निगम की कार्य प्रणाली एक मॉडल बन चुकी है। यदि आप पिछले पांच वर्षों में रांची नगर निगम द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करते तो यह जरुर समझ जाते कि राज्य के अन्य निकायों की तुलना में रांची नगर निगम आज किस मुकाम पर पहुंच चुका है।

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