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अयोध्या में भव्यता से बन रहा रामलला का मंदिर, नींव का काम पूरा

राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि नीव का पहला चरण पूरा हो चुका है, साथ ही उन्होंने कहाँ कि 2023 दिसंबर से भक्त राम मंदिर में दर्शन के लिए आ सकेंगे।

KARTIKEY HASTINAPURI
  • Sep 18 2021 11:12AM

न जाने कितने वर्षो से राम मंदिर के सपने देखने वाले लोगो का सपना अब साकार होने वाला है,यानी 'रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनायेगे' वाला नारा अब सत्यता की तरफ बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट बखूबी से अपना काम कर रहा है, और जल्द से जल्द मंदिर निर्माण हो ये भी सुनिश्चित कर रहा है।  

दरअसल, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने खुलासा किया है कि नींव का पहला चरण पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘पहला चरण पूरा हो चुका है। हम इस कंक्रीट बेस के ऊपर कर्नाटक के ग्रेनाइट और मिर्जापुर के बलुआ पत्थर जैसे पत्थरों से बनी एक और परत लगाएंगे’। उन्होंने आगे कहा कि ‘मंदिर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो सकता है’।

गौरतलब है कि अगस्त में मंदिर की नींव की एक तस्वीर वायरल हो गई थी जब निर्माण प्रारंभिक चरण में था और अब तेज गति के साथ नींव की परत का काम पूरा हो चुका है। इससे पहले जून में चंपत राय ने कहा था कि-"अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है और साथ ही, उन्होंने अक्टूबर तक नींव तैयार करने का भी वादा किया था।उन्होंने कहा था- “मंदिर निर्माण का काम 24 घंटे 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में चल रहा है। करीब 1.2 लाख वर्ग मीटर जमीन खोदी जा चुकी है। एक फुट मोटी परत बनाने और इसे रोलर के साथ कॉम्पैक्ट करने में 4-5 दिन लगते हैं। हमें उम्मीद है कि ये अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। भगवान राम  की कृपा से, सभी कार्यकर्ता और इंजीनियर स्वस्थ हैं।”

तेज़ी से चल रहा है राम मंदिर का निर्माण-कार्य.....

(IMAGE SOURCE: ANI / PTI )

रामायणकालीन प्रसंगों पर अधारित होंगे प्रवेश द्वार

राम मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को अयोध्या में बनने वाले 6 द्वारों से प्रवेश मिलेगा. अयोध्या में 6 प्रवेश द्वार रामायणकालीन प्रसंगों पर आधारित होंगे. सभी 6 प्रवेश द्वारों के नाम रामायणकालीन ऋषिमुनियों के नाम पर होंगे. इस द्वार का निर्माण अयोध्या विकास प्राधिकार करवाएगा. यह 6 प्रवेश द्वार लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, गोण्डा, आजमगढ़, अयोध्या को साथ जोड़ेगा. इन प्रवेश द्वारों की डिजाइन का सुझाव अयोध्या विकास प्राधिकरण प्रतियोगिता के माध्यम से तैयार करेगा।  

राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर का भाग सोने से होगा निर्मित

रामलला का मंदिर 1000 वर्ष से ज्यादा सुरक्षित रहे, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश के टॉप आईआईटीएन की सलाह ली है. उनकी सलाह से राम मंदिर निर्माण समिति के माध्यम से निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो व टाटा कंसल्टेंसी कर रही है. राम जन्मभूमि 5 एकड़ में परकोटे के साथ बनाई जा रही है. लेकिन मूल गर्भग्रह 2.77 एकड़ में ही बनाई जा रही है. राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर का भाग सोने से बना होगा और जमीन चांदी से बनेगी.जिसमे बाल रूप रामलला की प्राचीन प्रतिमा स्थापित होगी. इसके साथ ही एक राम की विशाल मूर्ति भी स्थापित की जाएगी.

 

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