योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर को बड़ी सौगात मिली है। गोरखपुर के पूर्वी छोर पर स्थित 737 हेक्टेयर रकबे में फैली प्राकृतिक और खूबसूरत रामगढ़ झील उत्तर प्रदेश की वेटलैंड घोषित हुई है। इसका प्रारंभिक नोटीफिकेशन जारी हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगढ़ ताल को विकसित करने का जब सपना देखा था तब यह ताल शहर के गटर के रूप में तब्दील हो चुका था और जिले के लगभग आधे गंदे नाले सीधे तौर पर इस झील में गिरा करते थे। हर तरफ गंदगी और दुर्गंध फैली थी। परिणामस्वरूप पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से इसकी जैव विविधता पर भी बुरा असर पड़ रहा था।
नोटीफिकेशन के बाद इन कामों पर होगी रोक
नोटीफिकेशन के बाद झील के 50 मीटर के दायरे में कोई नया उद्योग नहीं लग सकता। पुरानी इकाईयों के विस्तार पर रोक होगी। इस दायरे में खतरनाक किस्म के कचरे, पालीथिन, नान बायोग्रेडिबल वस्तुओं ठोस कचरे, गंदा पानी, अशोधित सीवेज के निस्तारण पर भी रोक होगी। नौकायन के लिए जेट्टी को छोड़कर हर तरह के निर्माण कार्य पर रोक होगी। इसमें उगने वाली वनस्पतियां कार्बन को अवशोषित करेंगी, जिससे इसकी जैव विविधता का संरक्षण हो सकेगा। बंधे का निर्माण, मछली पालन, सिंघाड़े की खेती, सडक निर्माण और पशुओं को चराने आदि की गतिविधियों को जिला स्तर डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति रेगुलेट करेगी।