अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का काम बुधवार से 'रुद्राभिषेक' समारोह के बाद शुरू होगा। इस समारोह में सीमित संख्या में लोग शामिल होंगे। राम जन्मभूमि परिसर में 28 वर्षों के बाद कल यानि 10 जून को कुबेर टीले पर स्थित शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास बुधवार सुबह 8 बजे कुबेरेश्वर महादेव शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करेंगे। बुधवार को होने वाला रुद्राभिषेक इस बात का प्रतीक होगा कि राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। L&T के इंजीनियर्स और टेक्निकल स्टाफ ने रामजन्मभूमि परिसर के निर्माण के शुभारंभ की तैयारियां शुरू कर दी हैं। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, 'एलएंडटी के लोग जन्मभूमि स्थल पर लेवलिंग का काम कर रहे हैं। वे लोग खुद इस ऐतिहासिक मंदिर निर्माण का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हैं।'
राम मंदिर निर्माण में कोरोना संक्रमण जैसी बाधाओं को दूर करने के लिए रूद्राभिषेक किया जा रहा है। महंत कमलनयन दास का कहना है कि संत समाज मंदिर निर्माण की प्रक्रिया के इंतजार में बैठा हुआ है। संतों की इच्छा है कि वर्ष 2022 में राम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर पर राम जन्मोत्सव रामनवमी मनाई जाए।
महंत कमल नयन दास नेे कहा कि राम मंदिर केेे निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. गर्भगृह के समतलीकरण का कार्य चल रहा है, ट्रस्ट ने पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया है। पीएम अयोध्या आना चाहते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आने से फिलहाल वो आने में असमर्थ है।
महंत कमलनयन दास ने कहा कि वह पत्र लिख कर पीएम को अयोध्या आने का निमंत्रण देना चाहते थे, लेकिन अब वह खुद समय लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे ओर राम मंदिर निर्माण के लिए निमंत्रित करेंगे। हालांकि महंत कमलनयन दास ने स्पष्ट किया कि 10 जून को राम जन्मभूमि परिसर में पौराणिक कुबेर टीले पर स्थित कुबेरेश्वर महादेव का सिर्फ रुद्राभिषेक का कार्यक्रम ही करेंगे।