इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ
देश में पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी हो रही है। उत्तर प्रदेश सहित 8 राज्यों में मंगलवार को एनआईए, एटीएस और ईडी की संयुक्त कार्रवाई शुरू हुई। यूपी की राजधानी लखनऊ से लेकर पश्चिमी यूपी तक संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी हो रही है।
एनआईए ने इस ऑपरेशन के तहत 57 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पीएफआई मामले पर एडीजी एलओ ने बयान देते हुए कहा कि पीएफआई और सहयोगी संगठनों के ठिकानों पर जनपदीय पुलिस, एसटीएफ एवं एटीएस ने संयुक्त रूप से 26 जनपदों में कार्यवाही कर 57 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। उत्तर प्रदेश में महज कुछ दिनों के अंदर यह दूसरी बार पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी हो रही है। यूपी एटीएस और एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में लखनऊ के साथ ही सीतापुर और हरदोई में छापेमारी जारी है। वहीं पश्चिमी यूपी में मेरठ और बुलंदशहर में भी छापेमारी करके कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
एटीएस और एनआईए की गिरफ्त में आए संदिग्धों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि सामाजिक कार्य और शिक्षा के लिए दिए जाने वाले जकात और चंदे की रकम से आतंकी पाठशाला का संचालन हो रहा था। इस खुलासे ने सनसनी मचा दी है। दरअसल, मुसलमान अपनी कमाई का करीब ढाई फीसदी हिस्सा जकात या दान देते हैं। कई लोग सीधे गरीबों को पैसे दान में देते हैं, तो कई लोग सामाजिक और शिक्षा के कार्य में लगी संस्थाओं को दान देते हैं। इन पैसों से आतंक की फैक्ट्री तैयार कर लिए जाने का मामला सामने आया है। अब इन फैक्ट्रियों पर यूपी में बड़ी कार्रवाई हो रही है। दावा किया जा रहा है कि इनकी फंडिंग में मुख्य रूप से रिहैब इंडिया फाऊंडेशन शामिल रही है। रिहैब इंडिया का मुख्यालय दिल्ली में है। लखनऊ में भी इस संगठन की गतिविधियां चल रही हैं।