पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्रों में अपना मॉड्यूल फैलाने में लगा रहता है। कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जहाँ पाकिस्तान के आतंकी और पाकिस्तान समर्थित लोग पकडे जाते रहे हैं। इस बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के दो जासूस भारत के सीमावर्ती राज्य पंजाब के अमृतसर से पकडे गए हैं। यह लोग पिछले कुछ बर्षों से सेना की खफिया जानकारी आईएसआई को देते थे।
इन जासूसों को हनीट्रैप में फंसाकर ISI का खुफिया एजेंट बनाया गया है। एजेंट पिछले 17 सालों से भारतीय सेना की जानकारियां पाकिस्तान को भेज रहा था। इस जासूस ने एक और व्यक्ति को अपने जाल में फंसाया और खुफिया जानकारियां हासिल करने में लगा दिया। दोनों रेलवे स्टेशन के बाहर कई सालों से लेमन सोडा बेच रहे थे।
SSOC की टीम ने दोनों पाकिस्तानी एजेंट्स को स्पेशल ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया, लेकिन गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर रहे। आरोपियों की पहचान कोलकाता के बेनियापुकर गांव स्थित ओस्टागारलेन में रहने वाले जफर रियाज और बिहार के मधुबन जिला स्थित भेजा गांव के शमशाद के रूप में हुई है।
रियाज ने पुलिस को बताया कि वह 2005 में पाकिस्तान गया था, जहां उसकी मुलाकात राबिया नाम की युवती से हुई। दोनों ने शादी कर ली। रियाज का वहां एक्सीडेंट हो गया तो वह वहीं सैटल हो गया। राबिया ने उसकी मुलाकात आईएसआई अधिकारी आवेश से करवाई। कुछ समय बाद राबिया को रियाज अपने साथ भारत ले आया। 17 सालों से वह भारतीय सेना की जानकारियां जुटा रहा था।
रियाज ने अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर सोडा बेचने वाले शमशाद को भी साथ मिला लिया। इसके बाद वह और शमशाद दोनों मिलकर भारतीय सेना की जानकारियां जुटाने और उन्हें पाकिस्तान भेजने में जुट गए।