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टुकड़े टुकड़े गैंग का प्यारा पाकिस्तान टुकड़े टुकड़े की कगार पर.. सेना और पुलिस तो लड़ ही रहे थे, अब बारी गिलगित और बाल्टिस्तान की थी

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगाए नारे बोले- गिलगित बाल्टिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं

Sudarshan News
  • Oct 22 2020 4:49PM

पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लागातार प्रदर्शन बढ़ते ही जा रहे, गिलगित बाल्टिस्तान के प्रदर्शनकारी लगातार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं, तीसरे सप्तागह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने स्थासनीय नेता बाबा जान समेत अन्या राजनीतिक नेताओं को कैद से रिहा करने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। यहां तक कि क्षेत्र के दूरदराज के गांवों और कोने-कोने से आकर लोग इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।

गिलगित बाल्टिस्तान में जारी इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने ड्रैकियन कानून पर सवाल उठाए हैं, जिसके तहत कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, उनका कहना है कि यह क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है और इसके कानून यहां लागू नहीं होते हैं। ये अन्याय पकिस्तान हमारे साथ न करे ,हमारे कार्यकर्ताओं को रिहा करे।

दरअसल गिलगित बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान के आतंकी रवैये से परेशान है उन्हें परेशान करने के लिए सेना भेज दी जाती , जो वहां के लोगों पर अत्याचार करती है जिससे लोग आये दिन सरकार के खिलाफ आवाज उठातें हैं जिनको दवाने के लिए ही ऐसे कानून वनाये गये है जिससे आम लोगों को दवा सकें 

पर इस वार प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका विरोध आकार में बड़ा हो गया है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया द्वारा पक्षपातपूर्ण कवरेज के कारण थोड़ा कम असर कर रहा। उन्हों ने कहा कि उनका विरोध इस समय अनिश्चितकालीन है एक प्रदर्शनकारी ने कहा "यदि आप (पाकिस्तान ) सोचते हैं कि आप बलों के माध्यम से हमारी आवाज़ को थका सकते हैं, तो आपको बता दूं, आप नहीं कर सकते। यह 21 वीं सदी है, हम चुप नहीं बैठेंगे। 

भाषण की स्वतंत्रता, शिक्षा का अधिकार, संपत्ति का अधिकार या यहां तक कि रोजगार का अधिकार गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों के लिए विदेशी है। पाकिस्तान दशकों से गिलगित बाल्टिस्तान की ज़मीन और संसाधनों के क्षेत्र को लूट रहा है और उसे लगभग शून्य रिटर्न दे रहा है। गिलगित बाल्टिस्तान में अधिकार की मांग करना एक अलिखित अपराध बन गया है। इस भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत रखने वाले किसी भी व्यक्ति को डराने, गिरफ्तार करने और कारावास के अधीन कर दिया जाता है। पर इस बार प्रर्दशन विराट है।

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