राजस्थान में अग्निपथ का विरोध, नेशनल हाईवे पर प्रदर्शनकारियों का जाम
युवाओं का कहना है कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के हित में नहीं है। सरकार को इसे वापस लेना होगा अन्यथा उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सेना में भर्ती की योजना 'अग्निपथ' के ऐलान के बाद लगातार तीन दिनों से विरोध की आग जल रही है। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध थमने की बजाय बढ़ने लगा है। UP, बिहार, MP, राजस्थान समेत 7 राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। हरियाणा के रोहतक में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे एक युवक ने सुसाइड कर लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हो गई। सभी जिलों में प्रदर्शन की आशंकाओं को देखते हुए सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है। सोशल मीडिया पर भी प्रशासन नजर रख रहा है।
आज विरोध की शुरुआत अलवर जिले से हुई है। यहां के बहरोड़ में सैकड़ों की संख्या में आर्मी की तैयारी कर रहे युवाओं ने जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर दिया। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। विरोध के चलते यहां तैनात पुलिस से भी प्रदर्शनकारी भिड़ गए। हाईवे के अलग-अलग हिस्सों पर बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है। झुंझुनूं जिले में भी स्टूडेंट्स ने सड़क जाम करने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि यहां के चिड़ावा कस्बे में छात्रों से पुलिस की झड़प भी हुई है।
युवाओं का कहना है कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के हित में नहीं है। सरकार को इसे वापस लेना होगा अन्यथा उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
अग्निपथ के ऐलान के बाद वे 5 बातें, जिनसे नौजवान हुए आगबबूला
1. 4 साल की तैयारी के बाद 4 साल की नौकरी और फिर बेरोजगारी।
2. कोरोना के नाम पर देश में भर्ती रैलियां नहीं हुईं, लेकिन इसी दौरान बंगाल, UP, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा जैसे राज्यों बड़ी चुनावी रैलियां भी हुईं और चुनाव भी।
3. फिजिकल और मेडिकल के बावजूद कम से कम 10 रैलियों को अधूरा छोड़ दिया गया, अब उन्हें रद्द कर दिया गया है।
4. अग्निवीरों की बिल्ले, बैज और चिह्न समेत रैंक भी अलग होगा। युवाओं को डर है कि इससे भेदभाव बढ़ेगा।
5. जिन 25% अग्निवीरों को आगे 15 साल के चुना जाएगा उसका भी कोई साफ पारदर्शी तरीका नहीं।
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