कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक बार फिर से विवादों में आ गई है. बता दें कि एक बार फिर राहुल गांधी ने हिंदुओं को लेकर विवादित बयान दिया है. इस बयान में राहुल गांधी के बोल पुजारियों के खिलाफ बिगड़ गए है. इस बयान में राहुल ने भारत की सनातन परंपरा का अपमान किया है.
पुजारी और पुरोहितों ने किया विरोध
दरअसल, राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि, ये देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं. राहुल गांधी के इस बयान पर देशभर के पुजारी और तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं. राहुल गांधी ने स्वयं कई बार मंदिरों में गए हैं. वहीं मंदिर जाकर राहुल ने पुजारी/पुरोहितों के साथ पूजा भी की है. लेकिन अब वह कह रहे हैं कि यह देश पुजारियों का नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी को बनाया निशाना
वहीं राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाते हुए हरियाणा में कहा था कि कांग्रेस तपस्या में भरोसा करती है तो भाजपा पूजा में विश्वास करती है. वहीं राहुल ने यह भी कहा कि भाजपा और आरएसएस वाले लोगों को मजबूर करते हैं कि वह उनकी पूजा करे. लेकिन भारत पुजारियों का नहीं बल्कि तपस्वियों का देश है.
राहुल गांधी ने किया ब्राह्मणों का अपमान- पुजारियों
वहीं पुजारियों और पुरोहितों का कहना है कि राहुल गांधी का बयान ब्राह्मणों का अपमान करने वाला है. स्वामी दीपांकर का कहना है कि राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान खोलने की बात कही थी, लेकिन वह भारत जोड़ों यात्रा के दौरान नफरत की बाते करने लगे है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह सब बात करने से पहले सोचना चाहिए था.
एक तरफ कर रहे एकजुट तो दूसरी ओर यह बयान
वहीं एक तरफ राहुल गांधी सब को एकजुट होने की बात कह रहे है तो दूसरी ओर उनका यह बयान सामने आ रहा है. इसी बयान को लेकर जहां प्रयागराज में तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों द्वारा राहुल गांधी का विरोध करते हुए उनका पुतला जलाया गया है. वहीं विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है.