देश ही नहीं बल्कि दुनिया के संकट काल में न सिर्फ आम जनता व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि तमाम संवैधानिक संस्थाए अपने अपने स्तर पर सामूहिक रूप से इसके निदान और इस महामारी से कम से कम नुकसान हो इसका प्रयास कर रही हैं. ऐसे में देश की वित्तीय संस्था का केंद्र रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया देशवासियों के सामने आया है और पूरे देश को ये विश्वास दिलाया है कि संकट की इस घड़ी में reserve bank of india हर देशवासी के साथ और और इस महामारी से कम से कम नुकसान हो इअर पर गंभीरता से प्रयास भी कर रहा है. मीडिया के माध्यम से देशवासियों को आश्वस्त करते हुए Reserve Bank of India ने स्थिति की भयावहता को दुनिया के परिदृश्य में बताया और कहा कि इन हालातों में हमारी सख्त नजर है और हमारा ये प्रयास है कि इस से देशवासियों को कम से कम अथवा न्यूनतम नुकसान हो, यद्दपि कोरोना के चलते देश ही नहीं बल्कि दनिया की अर्थव्यवस्था पर असर जरूर पडा है.
देश की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाने और किसी भी प्रकार की अफवाह इत्यादि की संभावनाओ पर पूर्ण विराम लगाने के उद्देश्य से आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक मीडिया के माध्यम से देश को सम्बोधित करते हुए एक प्रेस कान्फ्रेस से कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते आज मानवता पर एक बड़ा खतरा आ गया है. आज पूरी दुनिया कोरोनावायरस की चपेट में आ गई है और इससे अपने अपने उपलब्ध संसाधनो से अधिकतम प्रयास कर के लड़ाई लड़ रही है. इस लड़ाई में भारत के दृष्टिकोण से उन्होंने बताया कि इस लड़ाई में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पूरी तरह से देश और देशवासियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है और प्रयास ये है कि इस का कम से कम असर आर्थिक नुकसान के रूप में देश की जनता पर पड़े.
RBI की तरफ से आगे उन्होंने अपने सहकर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि RBI में मैं अपनी 150 ऑफिसर, स्टाफ की टीम की सराहना और शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जो क्वारंटाइन में अपने परिवार से दूर हैं और 24 घंटे काम पर हैं ताकि जरूरी सेवाएं चलती रहें. गौर करने योग्य है कि कोरोनावायरस के दुनिया भर में हुए बेकाबू प्रसार को रोकने के लिए भारत में किए गए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को गरहा झकटा लग रहा है. इससे उबरने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार से लेकर वित्तीय संस्थान चिंतित नजर आ रहे हैं. देश के नागरिकों को कम से कम नुकसान हो और लोगों का कम से कम रोजगार छिने इसके लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.