जनसंख्या नियंत्रण कानून की जिस मांग को ले कर राष्ट्र निर्माण संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश चव्हाणके जी पूरे भारत के प्रदक्षिणा पर निकले थे , आखिरकार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बाद अब भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने भी उस दिशा में एक बड़ा संकेत दिया है और कहा है कि इतने विशाल देश में जनसंख्या नियंत्रण पर एक सख्त नीति होनी चाहिए अन्यथा इसके बहुत ही नकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिल सकते हैं। इन तमाम बातों का तथ्यों के साथ निष्कर्ष निकाल कर आज के 2 वर्ष पूर्व ही सुरेश चव्हाणके जी ने भारत के प्रत्येक राज्य की यात्रा की थी और उस यात्रा में सभी मुख्य शहरों को संबोधित भी किया था.
बेतहाशा बढ़ती एक ही पक्ष की जनसंख्या के कश्मीर से आतंकवाद जैसे कुप्रभाव के साथ आर्थिक सामाजिक व हर पहलू पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक कुप्रभाव को उन्होंने प्रमाणों के साथ में रेखांकित किया था। यद्द्पि अपार जन समर्थन के साथ ही उस समय उनका वामपंथी वर्ग और चरमपंथी समूहदोनों ने विरोध किया था लेकिन पहले देश के प्रधानमंत्री व अब देश के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा इस कानून की पैरवी यह साबित करती है कि सुरेश चव्हाणके जी द्वारा की गई तपस्या निश्चित रूप से देश के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रख कर सार्थक और सकारात्मक थी।
इसी जनसंख्या कानून की मांग के साथ बाद में सुरेश चव्हाणके जी ने कई बिंदास बोल और जन संसद जैसे कई शो किए और उसी के साथ भारत के कई वर्तमान व पूर्व वरिष्ठ सांसदों अधिकारियों को अपनी मुहिम का सहचर बनाया था। आज देश के सर्वोच्च पद से इस मांग को बल मिलने के बाद संसार यह स्वीकार कर रहा हैं कि दूरदृष्टि सुरेश चव्हाणके जी ने आज के 2 साल पहले ही इसके कुप्रभाव को करीब से किस प्रकार भांप लिया था..