जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर इस्लामिक आतंकियों के हमले का खतरा लगातार बना हुआ है फिर भी इस महापर्व को रोकने हिमत किसी भी आतंकी संगठन में नहीं है। कई हजार बर्षों से अमरनाथ यात्रा चल रही है। न यह यात्रा मुगलों के समय में रुकी न ही उस समय जब देश में अंग्रेजों का शासन था। फिलहाल इस समय कई बार सुरक्षा एजेंसियों ने हमले की आशंका जताई है पर हमारे जवानों ने पूरी मुस्तैदी से मोर्चा संभाल लिया है।
अमरनाथ यात्रा के लिए 28 जून सुबह 4 बजे पहला जत्था भगवती नगर आधार शिविर से पवित्र गुफा के लिए रवाना होगा। सुबह 6.30 बजे तक यात्रा के अलग-अलग जत्थे रवाना होंगे। इसके लिए सुरक्षा के तमाम बंदोबस्त को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि यात्रा के लिए लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक करीब 50 हजार जवानों की तैनाती की गई है। पहली बार यात्रा के सभी शिविरों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। वहीं भगवती नगर के आधार शिविर को सील कर दिया गया है।
शिविर की ड्यूटी में लगे तमाम लोगों को आईकार्ड मुहैया करवाए गए हैं। इसके अलावा अब अनजान लोगों को शिविर में नहीं जाने दिया जाएगा। पहचानपत्र दिखाने के बाद ही शिविर में प्रवेश करने दिया जाएगा।
24 घंटे अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के जवान मिलकर गश्त करेंगे। बम निरोधक दस्ते और डाग स्कवायड के साथ शिविर के आसपास और भीतर जांच की जा रही है। यात्रा को लेकर हर जरूरी बंदोबस्त किए गए हैं। यहां पर भी यात्रियों को ठहराया गया है। वहां पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। जानकारी के अनुुसार सीआरपीएफ, बीएसएफ, सेना और पुलिस के कई अधिकारियों ने भगवती नगर आधार शिविर का दौरा किया।