इनपुट-ज्ञानेष लोहानी, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से माफियाओ ओर गुंडो की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।प्रदेश के सबसे बड़े माफिया मुख्तार अंसारी पर अदालत ने फ़र्ज़ी सस्त्र लाइसेंस मामले में आरोप तय कर दिए है।
आपको बता दे प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार पर आईपीसी की पांच धाराओं पर 467-468-420 120 बी और एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13(2) के तहत आरोप तय कर दिए है।
इस वजह से दर्ज हुआ था मुकदमा जिन पर चलती रहेगी कार्यवाही -
बाहुबली माफिया मुख्तार पर करीब 30 साल बाद आरोप तय हुआ है। मुख्तार पर यह आरोप 10 जून 1987 को फ़र्ज़ी डाक्यूमेंट्स के आधार पर दो नाली बंदूक का लाइसेंस लेने का था ।यह आरोप गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था और अब इसी धाराओं पर स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में मुकदमा चलेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए चली अदालत की कार्यवाही-
मुख्तार की पूरी कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई।आरोप तय होते समय मुख्तार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये मौजूद था।स्पेशल जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने जब ये फैसला सुनाया तो मुख्तार ने आरोपों से साफ इंकार कर दिया,ओर गुहार लगाते हुए फ़ैसले पर दुबारा विचार करने को कहा। ये पूरी जानकारी एडीजीसी क्रिमिनल राजेश गुप्ता द्वारा दी गई हैं।