आपको बता दे एक तरफ़ चारों दिशा से जल जाम हैं .खेत सड़क लोगो के घरों मे पानी घुस चुके हैं .दुसरी तहफ समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 40 - 45 किलो मीटर दूर पटोरी अंचल मे तालाब जल बिहीन हो चूका हैं .
दर्जनों तालाब के चारों ओर लोगों की निजी झोपड़ी और जानबर का टबेरा बना हुआ हैं .पटोरी मे भुजल लेवल नीचे आ चूका हैं जो जल संचे नहीं कर पाया हैं .जब वारिस का पानी का संचे नहीं हो पायेगा तो जलके लिए हाहाकार होना आम बात हैं .सरकार के विभागीय आदेश के बाद भी लोग अतिक्रमण कर रहे हैं .खेती के लिए पानी का उपयोग नहीं हो पायेगा तो फ़सल नहीं हो पायेगा .जानबर पानी के लिए मरेंगे .
जानकारी के अनुसार अपने धन के लिए लोग तालाब को भर कर मकान भी बना रहे हैं जिसमे अंचल के सरकारी लोग मिले हुए हैं .सूखा तालाब को पानी के लिए तरसना पर रहा हैं .एक तरफ हाहाकार दुसरी तरफ़ जल निकासी की बात .जांच होने की बात आ रहीं है .