महाराष्ट्र में सियासी उठापठक जारी है। देर रात सीएम उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी आवास छोड़ दिया। वो फिर से महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र बिंदु माने जाने वाले अपने निजी आवास मातोश्री पहुँच गए हैं। दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है।
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के तेवर अभी भी नरम नहीं हुए हैं। 37 से अधिक पार्टी विधायकों के समर्थन मिलने का दावा कर वे दलबदल विरोधी कानून को भी चुनौती देने के लिए तैयार हैं। इस बीच शिवसेना के चार और बागी विधायक बुधवार देर रात गुवाहाटी पहुंच गए।
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के तेवर अभी भी नरम नहीं हुए हैं। 37 से अधिक पार्टी विधायकों के समर्थन मिलने का दावा कर वे दलबदल विरोधी कानून को भी चुनौती देने के लिए तैयार हैं। इस बीच शिवसेना के चार और बागी विधायक बुधवार देर रात गुवाहाटी पहुंच गए।
अब पार्टी और सत्ता दोनों पर खतरा मंडराते देख उद्धव ने शिंदे से फेसबुक लाइव के जरिए इमोशनल अपील की है- ‘एकनाथ उनके सामने आएं। वह कहेंगे तो पार्टी और पद दोनों त्याग दूंगा।’लेकिन एकनाथ ने जब उद्धव से पार्टी और उसकी आइडियोलॉजी बचाने की बात कही थी तब महाराष्ट्र के सीएम अड़े हुए थे।
एकनाथ शिंदे लगातार उद्धव को समझाने की कोशिश कर रहे थे, वे ही नहीं हम सब शिवसेना को बचाना चाहते थे, लेकिन उद्धव किसी भी सूरत में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के सामने मुंह नहीं खोलना चाहते थे। शायद वे उस एहसान तले दबे थे कि उनकी वजह से वे मुख्यमंत्री बने!