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कभी नोएडा पुलिस में रहे कांस्टेबल संजीव तेवतिया जैसे पुलिसकर्मी हैं UP में तो बाहर के व्यापारी क्यों करेंगे निवेश ? बागपत पुलिस भी परोक्ष सहयोगी

उत्तर प्रदेश पुलिस का एक कॉन्स्टेबल जिसके ऊपर नोएडा की तैनाती के दौरान भ्र्ष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगे कि उसे जनपद नोएडा की सीमाओं के बाहर भेजने के आदेश जारी हो गए थे, उस कॉन्स्टेबल की जांच में बागपत पुलिस संभवतः पंचवर्षीय योजना पर काम कर रही है

Anchal Yadav
  • Aug 3 2020 8:42AM
उत्तर प्रदेश पुलिस का एक कॉन्स्टेबल जिसके ऊपर नोएडा की तैनाती के दौरान भ्र्ष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगे कि उसे जनपद नोएडा की सीमाओं के बाहर भेजने के आदेश जारी हो गए थे, उस कॉन्स्टेबल की जांच में बागपत पुलिस संभवतः पंचवर्षीय योजना पर काम कर रही है क्योंकि उस ठगी के आरोपी कांस्टेबल का नाम आने पर कोई भी जवाब देने के लिए या कार्यवाही की कोई जानकारी देने के लिए पुलिस अधीक्षक बागपत तैयार ही नहीं है। 

कॉन्स्टेबल का बागपत में रुतबा इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बागपत पुलिस लाइन में तैनात होने के बाद भी वह कांस्टेबल लगातार नोएडा में घूमता दिख जाता है। अगर कई स्थानों के सीसीटीवी कैमरे चेक कराए जाएं तो बागपत मैं ड्यूटी के समय उक्त कॉन्स्टेबल नोएडा में घूमता दिखाई देगा। ऐसे में बागपत में उसकी ड्यूटी कौन चेक कर रहा है और वहां के अधिकारियों का अपने अधीनस्थों पर कितना प्रभाव है यह इशारों में अपने आप समझा जा सकता है।

असल में मामला दूसरे प्रदेश गुजरात के एक व्यापारी का है जिसके साथ में उसके अनुसार 2500000 रुपए की ठगी की गई है। यदि यही पैसा सक्षम अधिकारियों की अपनी खुद की जेब से गया होता तो शायद अब तक व्यक्तिगत पीड़ा में कब की ना केवल सख्त कार्यवाही ही कर दी गई होती बल्कि अपने पैसे भी वसूल कर लिए गए होते पर मामला गुजरात के व्यापारी का है इसलिए उसे व्यक्तिगत लेने की जहमत और टेंशन बागपत के सक्षम अधिकारी नहीं कर रहे हैं। इन्हीं कारणों से उक्त व्यापारी बागपत के बजाय मेरठ में बैठने वाले एडीजी की शरण में गुहार लगाता हुआ गया है। गुजरात के व्यापारी से 2500000 रुपए ऐंठने वाले पुलिस के कॉन्स्टेबल का नाम संजीव तेवतिया है जो इससे पहले नोएडा के क्राइम ब्रांच टीम में तैनात था। एक सिपाही होने के बावजूद भी किसी आईपीएस से भी ज्यादा संपत्ति का मालिक यह कॉन्स्टेबल ना सिर्फ इस व्यापारी बल्कि कई अन्य लोगों के साथ हुई ठगी में सीधे तौर पर शामिल है। 

कभी यह पुलिस का इंस्पेक्टर बन जाता है तो कभी अपने किसी साथी को हाई कोर्ट का जज बना देता है। एक पिता की जिम्मेदारी होती है अपने पुत्र के गलत कार्यों को रोकना और टोकना परंतु कांस्टेबल संजीव तेवतिया के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर पिता अपने बेटे को प्रोत्साहित करते हैं और यहां तक कि ठगी का पैसा अपने खुद के खाते में मंगवाते हैं.  व्यापारी द्वारा खातों में डाले गए पैसे की लिस्ट में संजीव तेवतिया के पिता का भी खाता संख्या है जो किसी पिता द्वारा अपने पुत्र के गलत कार्यो को इस प्रकार बढ़ावा देने की घटना हर किसी को हैरान करने वाली है। तमाम व्हाट्सएप चैटिंग कॉल रिकॉर्डिंग जमा की गई बैंक पर्चियों के सबूत होने के बावजूद भी बागपत पुलिस का एक मात्र रटा रटाया जवाब बार-बार आ रहा है कि जांच जारी है।

जो पुलिस ड्यूटी नहीं चेक कर पाती है वह अपने खुद के कॉन्स्टेबल की जांच करने में पंचवर्षीय योजना जैसा समय लगा रही . फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि को धूमिल करने के गंदे खेल में अपनी लचर कार्यवाही से शामिल होने वाली बागपत पुलिस बड़े-बड़े ठगों की जांच कैसे करती होगी इस पर अब सवालिया निशान लग रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरे देश के और अन्य प्रदेश के व्यापारियों को उत्तर प्रदेश में उद्योग धंधे खोलने और यहां पर निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं पर जहां खुद पुलिस वाला ही गैर प्रदेश के व्यापारी से ठगी करने जैसी घटना में शामिल हो वहां कोई उद्योगपति अपना उद्योग किसके भरोसे लगाएगा यह जवाब बागपत पुलिस को देना होगा। सुदर्शन न्यूज़ जल्द ही अपनी अगली खबर में वह सारे प्रमाण, बैंक की पर्चियां , वॉइस रिकॉर्डिंग प्रकाशित करेगा जिस से बागपत पुलिस को उनकी लगातार चल रही जांच सहयोग मिले, व देश - दुनिया के तमाम अन्य व्यापारी व उद्योगपति सुनील संजीव तेवतिया जैसे पुलिस वालों से सावधान रहें।

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