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पुलिस को मिली बड़ी सफलता |

ब्लैक फंगस में कारगर लाइपोजोनल एम्फोटोरिसिन बी इंजेक्शन का नकली माल बाजार में उतारने वाला गिरोह और जानने के लिए निचे पढ़े--

धर्मेंद्र सिंह राठौर
  • May 28 2021 2:07PM

रेमडेसिवर इंजेक्शन की तरह ब्लैक फंगस में कारगर लाइपोजोनल एम्फोटोरिसिन बी इंजेक्शन का नकली माल बाजार में उतारने वाला गिरोह व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़कर अपना माल बेच रहा है चूँकि इस गिरोह में मेडिकल लाइन से जुड़े लोग भी शामिल है इसलिए जल्दी कोई शक भी नही करता। गिरोह अब तक काफी संख्या में यह इंजेक्शन बाजार में उतर चुका है ,गिरोह का पर्दाफाश करने वाले प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉ. कारण सिंह चौहान ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार को ब्लैक फंगस हो गया था उन्होंने अपने मित्र विनीत से इंजेक्शन का इंतजाम करने को कहा विनीत को एक व्हाट्सएप ग्रुप से ज्ञानेन्द्र का नंबर मिला चूँकि ज्ञानेन्द्र खुद एमआर था,इसलिए उस पर शक नही हुआ 30 इंजेक्शन उन्होंने ज्ञानेन्द्र से खरीदे जबकि 15 इंजेक्शन का इंतजाम उन्होंने दूसरे माध्यम से किया जब दोनों इंजेक्शन के रैपर का मिलान कराया गया तो असली इंजेक्शन पीले रंग का है,जबकि नकली का रंग सफेद था डॉ. करन के मुताबिक नकली इंजेक्शन का प्रयोग करने की वजह से 25 मई को उनके मरीज की मृत्यु भी हो गई। सूचना पर एसपी कर्नलगंज की टीम ने दो आरोपितों को 68 इंजेक्शन व 1.80 लाख रुपये के साथ पकड़ा जिस गिरोह के दोनों सदस्य है वो कानपुर समेत सूबे के आधा दर्जन जिलो में नकली इंजेक्शन तैयार कर बेच रहा थे | जिससे उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के इलाज के लिए लाइपोजोनल एम्फोटेरेसिन बी  इंजेक्शन की 30 बॉयल 2.10 लाख में खरीदी थी जाँच में पता चला कि इंजेक्शन नकली है इसी वजह से उनके मरीज की मृत्यु भी हो गई इसके बाद डॉ.करन ने अपने एक साथी विनीत की मदद से दोबारा गिरोह को इंजेक्शन खरीदने के लिए बुलाया पुलिस ने घेराबंदी करके मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव रतनदीप अपार्टमेंट निवासी ज्ञानेश शर्मा और प्रोपर्टी डीलर के ब्लॉक यशोदा नगर निवाशी प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया।एसपी त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि आरोपित लखनऊ से इंजेक्शन लाये थे आरोपित 6890 रुपये एमआरपी प्रिंट का इंजेक्शन 11 हजार में बेच रहे थे गिरोह के पास से पुलिस  ने यूपी 32 एफजेड 0723 नम्बर की एक एक्सयूवी कार भी बरामद की है काले रंग की इस कार के ऊपर हाइकोर्ट लिखा है डीसीपी पश्चिम संजीव त्यागी ने बताया कि पुलिस आयुक्त ने नकली इंजेक्शन पकड़ने वाली टीम को 10 हजार पुरुस्कार देने की घोषणा की थी | 

 किस माध्यम से बेचते थे नकली इंजेक्शन --

व्हाट्सएप के जरिये आरोपी बेच रहे थे नकली इंजेक्शन | 

नकली और असली इंजेक्शन की पहचान --

नकली इंजेक्शन सफेद रंग का है जबकि असली इंजेक्शन पीले रंग का है | 

सूबे में कितने जिलों में नकली इंजेक्शन बनाए व बेचे जाते है --

कानपुर समेत सूबे के आधा दर्जन जिलो में नकली इंजेक्शन तैयार कर बेच रहा थे | 

कितने रूपए में बेच रहे थे इंजेक्शन --

 6890 रुपये एमआरपी प्रिंट का इंजेक्शन 11 हजार में बेच रहे थे | 

गिरोह के पास से पुलिस को क्या-क्या बरामद हुआ --

 गिरोह के पास से पुलिस  ने यूपी 32 एफजेड 0723 नम्बर की एक एक्सयूवी कार भी बरामद की है काले रंग की इस कार के ऊपर हाइकोर्ट लिखा है | 

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