उत्तराखंड का सबसे वरिष्ठ माओवादी लीडर भाष्कर पांडे उर्फ तरुण उर्फ मनीष को पुलिस और एसटीएफ के जॉइन्ट ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया गया है. आपकाें बता दें कि भाष्कर पांडे 20 हजार का इनामी अपराधी था. मनीष पर शासन स्तर को इनामी राशि 50 हजार करने का प्रस्ताव भेजा गया था. पुलिस के एक अधिकार ने जानकारी दी कि इस माओवादी पर साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में तीन मुकदमे दर्ज थे.
डीआईजी के मुताबिक भास्कर पांडे किसान आंदोलन में भी सक्रिय था जो माओवादी खीम सिंह बोरा का सबसे खास साथी था जिसे यूपी एसटीएफ ने पहले ही पकड़ लिया था. भास्कर पांडे ने माओवाद से सम्बंधित ट्रेनिंग भी ले ली थी. जिसके बाद उसने अपने कई साथियों से मिलकर विभिन्न घटनाओं को अंजाम देने के लिए कोशिशें की.
बता दें की भास्कर पांडे तहसील भनौली के गांव भगरतोली का रहने वाला था जो समय-समय पर विभिन्न जगहों पर अपने नामों को बदलते रहता था. जानकारी के मुताबिक मनीष उत्तराखंड का अंतिम मोस्ट वांटेड माओवादी था। इसके अलावा गिरफ्तार भास्कर पांडे ने 2017 के विधानसभा चुनाव में नैनीताल की धारी तहसील में जीप भी जला दी थी.
पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार भास्कर पांडे से देश की कई बड़ी एजेंसी पूछताछ भी करेंगी. माओवादी भाष्कर पांडे की गिरफ्तारी पर डीजीपी उत्तराखंड ने पुलिस टीम को 20 हज़ार का इनाम औऱ मेडल की घोषणा की है।