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प्रधान मंत्री पैकेज रक्सौल एयरपोर्ट का होगा जीर्णोधार।

पीएम पैकेज बिहार 2015 में रक्सौल एयरपोर्ट के विकास हेतु आबंटित राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किये जाने की मांग।

सुबोध कुमार
  • Feb 19 2021 8:47AM
● पीएम पैकेज बिहार 2015 में रक्सौल एयरपोर्ट के विकास हेतु आबंटित राशि का उपयोग रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में किये जाने की मांग। ● बिड में शामिल करने के पूर्व रक्सौल एयरपोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाना जरूरी। ● मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा डॉ. शलभ के प्रस्ताव को मुख्य सचिव, बिहार को भेजा गया। भारत नेपाल सीमावर्ती शहर रक्सौल में प्रधान मंत्री पैकेज बिहार 2015 में रक्सौल एयरपोर्ट के विकास हेतु आबंटित राशि का समुचित उपयोग किये जाने की अपील को बीते 17 फरवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मुख्य सचिव, बिहार को भेज दिया गया। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपीलकर्ता डॉ. स्वयंभू शलभ को मेल के जरिये दी। इस अपील में विशेष रूप से रक्सौल हवाई अड्डे को 'उड़ान' के तहत बिड में शामिल करने के पूर्व इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किये जाने की मांग की गई है। अपनी अपील में डॉ. शलभ ने बताया है कि भारत नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल एयरपोर्ट लंबे समय से अपने उद्धार की प्रतीक्षा कर रहा है। बुनियादी ढांचा, प्रशस्त भूमि और हवाई पट्टी उपलब्ध होने के बावजूद यह एयरपोर्ट वर्षों से परित्यक्त पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय महत्व के रक्सौल शहर में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों सर्विस की आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र के समुचित विकास के साथ भारत और नेपाल दोनों देश के लोगों के लिए देश विदेश की हवाई यात्रा सुगम हो सके। रक्सौल एयरपोर्ट के विकास के मद में पीएम पैकेज में आबंटित राशि जिसका उपयोग इस एयरपोर्ट के विकास में नहीं हो पाया, उस राशि को रक्सौल एयरपोर्ट के विकास में ही खर्च करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। साथ ही एएआइ द्वारा जितनी अतिरिक्त भूमि के आबंटन की मांग बिहार सरकार से की गई है उसे भी यथाशीघ्र उपलब्ध कराये जाने की मांग की गई है ताकि यह हवाईअड्डा आरंभ हो सके। यह हवाई अड्डा 'उड़ान' की हवाई अड्डों की सूची में शामिल है पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं होने से बोली लगने के बावजूद कोई भी कंपनी इसकी बिड में रुचि नहीं लेती। अपनी अपील में डॉ. शलभ ने लिखा भी है कि बगैर इंफ्रास्ट्रक्चर के कोई कंपनी यहां से अपनी सेवा शुरू करने में दिलचस्पी क्यों लेगी ! भारत नेपाल सीमा का मुख्य प्रवेश द्वार होने के कारण नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले पर्यटक पहली बार यहीं भारत दर्शन करते हैं। बिहार के इस भूभाग में कई दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं लेकिन एयरपोर्ट की कमी के कारण यहां टूरिज्म विकसित नहीं हो पाता। दिल्ली और काठमांडू को जोड़ने वाले लाइफलाइन पर स्थित इस एयरपोर्ट को विकसित करने से देश दुनिया के साथ इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, यहां इंटरनेशनल टूरिज्म विकसित होगा और इस सीमा क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। गौरतलब है कि रक्सौल में एयरपोर्ट के संचालन को लेकर डॉ. शलभ के प्रस्ताव को गत 1 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी एवं पार्लियामेंट अफेयर्स के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेजा गया था। वहीं डॉ. शलभ द्वारा पीएमओ को भेजे गए प्रस्ताव के आलोक में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बताया गया कि रक्सौल एयरपोर्ट के विकास के लिए पीएम पैकेज बिहार 2015 में 250 करोड़ रुपये आबंटित किये गए हैं। भविष्य में एयरलाइनों से रक्सौल हवाई अड्डे से उड़ानों के संचालन की बिड प्राप्त होने पर इसका विकास नागर विमानन मंत्रालय के उड़ान फंड द्वारा किया जाएगा।

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