राम मंदिर की भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभिजीत मुहूर्त का 32 सेकंड बेहद खास होगा। 5 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट और 15 सेकंड के बाद ठीक 32 सेकंड के भीतर पहले ईंट अनिवार्य होगी, यह सर्वार्थ सिद्धि योग है। काशी के प्रख्यात ज्योतिष आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने भूमि पूजन के मुहूर्त के साथ पूरी कुंडली बनाई है श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास स्वयं भूमि पूजन अनुष्ठान की तैयारियां देख रहे हैं। राम मंदिर के गर्भ गृह में भूमि पूजन के लिए लगातार चर्चा चल रही है। 5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए रखी जाने वाली पहली ईंट चांदी की होगी जिसका वजन 40 किलोग्राम होगा। इस सीट को महंत नृत्य गोपाल दास प्रधानमंत्री को सौंपेंगे।
3 अगस्त से शुरू हो जाएगी पूजन की तैयारी -
राम मंदिर निर्माण की पहली ईंट भले ही 5 अगस्त को रखी जाएगी लेकिन पूजन की तैयारियां 3 अगस्त सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएंगी। 3 अगस्त को सुबह 8 बजे गणपति पूजन के साथ इसकी शुरुआत होगी। जिसके बाद पंचांग पूजा होगी। इसे कराने के लिए काशी और अयोध्या के 11 विद्वान अयोध्या आएंगे। 4 अगस्त को रामाचार्य पूजा होगी जिसके लिए अलग-अलग विद्वानों की टीम बनाई गई है। यह पूजा सुबह 8 बजे शुरू होगी जो तकरीबन 7 घंटे चलेगी। 5 अगस्त को वैदिक विद्वानों की एक टीम प्रधानमंत्री के आने से पहले वेदी पूजा संपन्न करायेगी, जिसके बाद प्रधानमंत्री मुहूर्त में भूमि पूजन करेंगे।
नीवं में स्थापित की जाएगी 5 ईंटे -
भूमि पूजन के लिए गर्भ ग्रह वाले स्थान पर 3:30 फीट की नींव को दी जाएगी इस नीव में 5 सीटें स्थापित करके भूमि पूजन किया जाएगा यह 5 सीटें नंदा, भद्रा जया, रिक्ता और पूर्णा नाम की होंगी। उनका पूजन प्रधानमंत्री करेंगे, मंदिर के गर्भ गृह वाले स्थान पर नीवं के भीतर प्रधानमंत्री तांबे का एक कलश स्थापित करेंगे। इस कलश में गंगाजल के साथ-साथ सभी तीर्थों से लाया गया पवित्र जल भरा जाएगा। इसके साथ साथ औषधि पंचरत्न हीरा, पन्ना, सोना, चांदी और मानिक भी कलश में रखे जाएंगे। पाताल लोक के राजा शेषनाग को प्रसन्न करने के लिए चांदी का नाग नागिन का जोड़ा और भगवान विष्णु के अवतार के प्रतीक में चांदी के कछुए को भी नीवं में स्थापित किया जाएगा।