कोरोना संकटकाल में पैदा हुई अनिश्चितता और चुनौतियों को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सुनहरे अवसर में बदल दिया। उत्तर प्रदेश से बाहर पढ़ रहे छात्रों को वापस उत्तर प्रदेश लाने की बात हो या फिर 36 लाख से ज्यादा प्रवासी और कामगारों को वापस उनके घरों तक पहुंचाने की बात हो, सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर मोर्चे पर कुशल रणनीतिकार के रूप में अपने आप को प्रस्तुत किया। आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के बाद अब योगी आदित्यनाथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं, जिसके चलते आज उत्तर प्रदेश के स्थानीय और प्रवासी कामगारों को रोजगार देने की महा अभियान की शुरुआत होगी। इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे वह इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शिरकत करेंगे।
कोविड-19 ने सामान्य श्रमिकों और खासकर, प्रवासी कामगारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इससे विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार वापस लौटे हैं। इसके चलते सरकार के सामने कोविड-19 से निपटने के साथ ही प्रवासी और ग्रामीण श्रमिक-कामगारों को मूलभूत आवश्यकता की वस्तुएं और आजीविका के साधन उपलब्ध कराने की चुनौती आ खड़ी हुई। इसे देखते हुए भारत सरकार ने विभिन्न सेक्टरों को सहारा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की। देश के पिछड़े इलाकों में एक मजबूत आधारभूत ढांचा खड़ा करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से 20 जून 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई।
उत्तर प्रदेश में 30 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक-कामगार वापस आए। राज्य के 31 जिलों में वापस लौटने वाले श्रमिकों-कामगारों की संख्या 25,000 से अधिक रही। इनमें पांच तेजी से उभरते हुए जिले भी शामिल हैं। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की योजना की तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान के रूप में एक पहल की। इसमें राज्य सरकार के साथ ही उद्योग जगत और अन्य संस्थाओं की भी भागीदारी है। इस अभियान का लक्ष्य रोजगार प्रदान करने, स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक संगठनों और अन्य संस्थानों को एक साथ जोड़ना है।
छह जिलों के श्रमिक-कामगारों से बात करेंगे मोदी :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिद्धार्थनगर, गोंडा, बहराइच, गोरखपुर, संत कबीरनगर और जालौन के श्रमिक-कामगारों से बात भी करेंगे। उनके मुंह से रोजगार और स्वरोजगार में सफलता की कहानी भी सुनेंगे।
विभागों ने पूरी करी तैयारी :-
दूसरे राज्यों से श्रमिक और कामगारों की सुरक्षित वापसी के साथ सरकार ने बड़ा संकल्प यह हाथ में लिया कि प्रदेश लौटे सभी लोगों को यहीं रोजगार दिया जाएगा। विपक्ष जहां रोजगार की स्थिति पर सवाल उठा रहा है, वहीं सरकार का दावा है कि एक करोड़ रोजगार के अवसर सृजित कर लिए गए हैं। उपलब्धि का मेगा शो कल होगा। इसके साथ ही सरकार अगले बड़े लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने जा रही है। सरकार ने दूसरे राज्यों से लौटे लोगों में से लगभग सभी यानी 36 लाख की स्किल मैपिंग कराई है। औद्योगिक संस्थाओं के साथ समझौता हुआ है, जिसके तहत उद्यमियों से संपर्क कर सर्वे भी किया गया है कि कहां पर कुशल-अकुशल श्रमिक-कामगारों की कितनी जरूरत है। अभी इस सर्वे की पूरी रिपोर्ट आना बाकी है, उससे पहले ही केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं, निर्माण परियोजनाओं, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों व मनरेगा सहित अन्य सभी विभागों को लगाकर रोजगार की तलाश कराई गई। सरकार का दावा है कि इसके तहत एक करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो चुके हैं।