देर रात कश्मीर के बारामूला में एक शराब की दूकान पर आतंकियों ने ग्रनेड से अटैक कर दिया। इस हमले में जम्मू के सुंदरबनी निवासी हिन्दू युवक रंजीत की मौत हो गई। इस मौत के बाद से ही पुरे जम्मू क्षेत्र में इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ रोष का माहौल बना हुआ है। हर कोई आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई चाहता है। इससे पहले भी कई ऐसी वारदातें हो चुकी हैं जहाँ कश्मीर में हिन्दुओं को निशाना बनाया गया है।
आज जम्मू में रंजीत सिंह के मारे जाने की खबर पहुंचते ही मातम छा गया। बुधवार सुबह लोगों ने जम्मू-पुंछ सड़क मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। बुधवार सुबह जैसे ही रंजीत सिंह का शव उसके पैतृक गांव में पहुंचा, तो हर आंख पानी से भर आई और लोगों में आतंक के खिलाफ कड़ा रोष दिखा। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रख प्रदर्शन किया और सरकार से रंजीत सिंह के परिवार को सहायता दिए जाने की मांग की।
लोगों ने बताया कि तेरह दिन पहले रोजी रोटी के सिलसिले में रंजीत सिंह कश्मीर गया था। उसे क्या पता था कि वह दोबारा लौटकर घर नहीं आएगा। उसके परिवार में पिता किशन लाल के अलावा उसकी चार बेटियां व एक तीन साल का बेटा है। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। रंजीत की मां का भी निधन हो चुका है।
मौके पर पहुंचे राजोरी के जिला उपायुक्त व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, लोग पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़े रहे। जिला उपायुक्त ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने का आश्वासन दिया।