इनपुट-अखिल तिवारी
आज़ाद भारत मे पहली महिला को फांसी देने की चर्चा जोरो पर है,लेकिन फाँसी देने वाले पवन जल्लाद ने फाँसी से पहले अपने दर्द को बयां करते हुए अपनी एक माँग रख दी है।पवन ने कहा कि उनका वेतन बढ़ाया जाना चाहिए ,यूपी के रामपुर जेल में बंद शबनम को पवन जल्लाद फांसी देंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें ये वही पवन जल्लाद हैं जिन्होंने निर्भया कांड में दोषियों को फांसी दी थी,आगे अब आज़ाद भारत की प्रथम महिला को फाँसी देने के यूपी सरकार तैयारियां कर रही है। रामपुर जेल में इस समय सबनम बन्द हैं और फांसी मथुरा जेल में होनी है।
पवन जल्लाद को किसने दी थी ट्रेनिंग?
पवन जल्लाद ने कहा कि फाँसी देने का काम उनको विरासत में मिला है,उनका कहना है,कि मुझे मेरे दादा ने कल्लू राम ने ट्रेनिंग दी थी जिन्होंने खूंखार अपराधी रंगा बिल्ला को फांसी पर लटकाया था,इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे को भी फांसी दी थी।
पवन ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि पूरे परिवार की जिम्मेदारी मुझ पर है,मेरे परिवार में 7 बच्चे हैं जिनको पालना होता है और मुझे 7 हजार 500 रुपये ही मिलता है,उनका कहना है कि फाँसी देने के लिए बहुतन कम मेहनताना है,और तनख्वाह बढ़ाया जाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
में सन 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही घर के 7 सदस्यों को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था,हाईकोर्ट से लेकर अन्य अदालतों ने फांसी की सजा को बरकरार रखा साथ ही राष्ट्रपति दया याचिका भी खारिज हो चुकी है,पवन को जल्लाद का कहना है कि पुरुष और महिलाओं को फांसी देने में कोई अंतर नही है लगभग 1 साल पहले मथुरा गया था,और जो कमियां थी जेल में वो अधिकारियों को बता दिया था जिसके बाद बिहार के बक्कसर जेल से फांसी के लिए ऑर्डर दे दिया था।