2013 में पटना के गाँधी मैदान में आज के ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे। जहाँ नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान कुछ आतंकवादियों ने सीरियल ब्लास्ट किया था। नरेंद्र मोदी की 2013 की रैली में सीरियल ब्लास्ट जैसी घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों को सजा सुना दी गई है।
बुधवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण कोर्ट के न्यायमूर्ति ने इस मामले पर आठ साल बाद दोषियों को सजा सुनाई है। इस मामले के सभी 9 आरोपियों को दोषी करार करते हुए सजा सुनाने की तारीख 1 नवंबर पक्की कर दी है। सभी देशवासियों की नजरें 1 नवंबर को होने वाली सजा सुनवाई पर है। साथ ही बता दें इन आरोपियों में से एक आरोपी को गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस सीरियल ब्लास्ट में 89 लोग बेहद बुरी तरह से घायल हो गए थे साथ ही 6 लोगों से अपनी जान भी गंवाई थी। इस आठ साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में क्या इन्साफ होता है इसपर अपनी टकटकी लगाए हुए है। बुधवार को आए फैसले से सभी पीड़ित परिवारों ने थोड़ी राहत महसूस की है। फैसले के लिए सुनवाई शुरू होने से पहले बुधवार की सुबह बेऊर जेल से सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया।
इसके बाद कोर्ट में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई। बता दें, इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने फकरुद्दीदी को छोड़कर अन्य सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों को एक नवम्बर को सजा सुनाई जाएगी।
आपको बता दें कि गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी पक्षों की गवाही के बाद एनआईए कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 27 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी। यह संयोग ही है कि कोर्ट ने गांधी ब्लास्ट मामले में इंसाफ के लिए उसी तारीख को चुना जिस तारीख पर धमाके किए गए थे।