इनपुट- रोहित बाजपेई, लखनऊ
अयोग्य कर्मचारी विभाग के बड़का बाबू की सरपरस्ती और मेहरबानी पर कॉलेज का प्रधानाचार्य पद संभाले है और योग्य कर्मचारी अयोग्य की हुजूरी में लगे हैं वाह रे विभाग।
लखनऊ समाज कल्याण विभाग में नियमों को ताक पर रखते हुए शासनादेश का उल्लंघन करते हुए समाज कल्याण विभाग में उच्च आसीन पदों पर बैठे हुए अधिकारी मूकदर्शक बन कर समाज कल्याण विभाग को अपने नियमों और आदेशों पर चला रहे हैं और भ्रष्टाचारियों को दंड के बजाय उपहार स्वरूप मलाई वाले पद पर बैठाए हुए हैं ताकि उनका भी निजी स्वार्थ पूरा हो सके । ऐसे अधिकारियों की संलिप्तता इस बात से जाहिर होती है कि क्यों ऐसे कर्मचारी को प्रधानाचार्य के पद पर विराजमान किए हुए हैं जो पहले भी भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के कारण विभाग ने उन्हें सस्पेंड भी किया था जबकि वह कर्मचारी मृतक आश्रित मैं विभाग का कर्मचारी बना। उसकी योग्यता प्रधानाचार्य के पद के लायक नहीं फिर भी उसे पद पर बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने शासनादेश का मजाक बना डाला जबकि विभाग में तकनीकी अहर्ता रखते हुए कई प्रवक्ता जी बी पंत आईटीआई कॉलेज लखनऊ में कार्यरत हैं लेकिन उन्हें पद पर ना रखते हुए अयोग्य कर्मचारी इन अधिकारियों की आंख का तारा बना हुआ है ।
बख्शी का तालाब आईटीआई कॉलेज में इस अयोग्य कर्मचारी से पहले जो प्रधानाचार्य थे वह योग्य और पूर्णता अहर्ता रखते हुए अपने पद पर कार्य कर रहे थे लेकिन शायद वह प्रधानाचार्य इन अधिकारियों के हिसाब से अधिकारियों की सेवा करने में विफल थे तभी तो उन्हें पद मुक्त कर के अयोग्य कर्मचारी को पदभार सौंप दिया ताकि वह अधिकारियों की सेवा करता रहे । अयोग्य कर्मचारी अपनी चापलूसी से अपने अधिकारियों की शह पर विभाग में भ्रष्टाचार फैलाने में कामयाब होते रहेंगे तो हम जिस भारत की अपेक्षा कर रहे हैं वह शायद कभी बन नहीं सकता क्योंकि चापलूस कर्मचारी कभी देश समाज और विभाग का हित नहीं कर सकते । फिर क्यों इन जैसे अयोग्य कर्मचारियों को चापलूसी के बल पर योग्य कर्मचारियों के ऊपर इनको हावी हुए देखा जा सकता है । यह अयोग्य प्रधानाचार्य कौन है इन पर किन-किन अधिकारियों का हाथ है और साथ है इसका खुलासा सुदर्शन न्यूज़ पर बहुत जल्दी होगा आप लोग सुदर्शन की इस भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के साथ जुड़े रहिए।