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पंचायत चुनाव: विवाद की मख्य वजह माने गए जर-जोरू-जमीन फार्मूले से खुफिया विभाग जमा करेगा सूचनाएं

अपराध का बहुत पुराना फार्मूला रहा है जर-जोरू-जमीन... पंचायत चुनाव को लेकर यूपी का खुफिया विभाग अब इसी आधार पर जुटा रहा है सूचनाएं

रजत मिश्र, उत्तर प्रदेश , Twitter: rajatkmishra1
  • Oct 31 2020 9:27AM

पुरानी कहावत है कि जर, जोरू और जमीन अधिकतर विवादों की वजह होते हैं। अब इसी को आधार मानते हुए यूपी पुलिस पंचायत चुनाव में शांति की व्यवस्था के लिए काम शरू कर चुकी है। 

एडीजी (इंटेलिजेंस) एसबी शिरोडकर द्वारा एक पत्र जारी किया गया है। उन्होंने पंचायत चुनावों के मद्देजनर 11 बिंदुओं पर जानकारी जुटाने का आदेश दिया है। इन बिंदुओं में एक पॉइंट अवैध संबंध भी है। सूत्रों के मुताबिक, एलआईयू और इंटेलिजेंस को हर गांव में जारी अवैध संबंधों के बारे में जानकारी जुटानी होगी। वर्तमान में गांव में क्या स्थिति है, पुलिस ने कोई कार्रवाई की है या नहीं, विवाद...आदि पर जानकारी जुटानी होगी। कई बार इस तरह के मामले बड़ा रूप धारण कर लेते हैं और बवाल की वजह बन जाते हैं। पंचायत चुनाव में ऐसा कुछ न हो, इसलिए पहले से इस तरह की जानकारियां जुटाई जा रही हैं.

इसके अलावा गांवों में उन लोगों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है जो अचानक धनाढ्य हो गए। जातीय विवाद, जमीन से जुड़े विवाद, धर्मस्थल विवाद भी जुटाए जा रहे हैं। पंचायत चुनाव में क्या विवाद हो सकता है, इसका पूर्वानुमान लगाते हुए पहले से सूचना मांगी गई है। सूबे में कभी भी पंचायत चुनाव का ऐलान किया जा सकता है, जिसको देखते हुए इंटेलिजेंस विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कई बार ऐसा देखने को मिला है कि अवैध संबंधों के चलते गांव में तनाव हुआ है। कभी-कभी इसकी वजह से जातीय तनाव और धर्म के आधार पर भी तनाव की सूचना मिलती रहती है।

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