बीते दिनों पाकिस्तान का नाम उन देशों के लिस्ट में शुमार था जो छोटी उम्र के बच्चों को आतंकवाद के लिए ट्रेनिंग देते हैं वही इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान ने एक नया रास्ता अपनाया है. जानकारी के अनुसार बता दे कि पाकिस्तान सरकार की रणनीति है उन सकती है कि वह इस मसले पर वैश्विक समुदाय से सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेगा बता दें कि पाकिस्तान पर एफएटीएफ की तलवार लटकी हुई है इसलिए पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रेलिस्ट से अपना नाम निकालने के लिए बेचैन हो रहा है खबरों के अनुसार बता दे की इस छल से पाकिस्तान आर्थिक सहायता हासिल करने की भी कोशिश करेगा और इस लिस्ट से बाहर निकलने की वकालत करेगा।
बता दे कि पाकिस्तान और तालिबान के रिश्ते काफी अच्छे हैं लेकिन तालिबान के भारत से रिश्ते काफी खराब है पाकिस्तान तालिबान की आतंकी गतिविधियों में सहायता करता है चाहे वह भारत का कंधार हाईजैक हो बता दें कि कंधार एयरपोर्ट पर भारतीय विमान को तालिबानी लड़ाकों ने हाईजैक कर लिया था मुसाफिरों को छुड़ाने की कीमत उन्होंने भारत की जेल में बंद आतंकियों को छुड़ाने से की भारत उस समय मजबूर हो गया था अपने नागरिकों को बचाने के लिए जिस वजह से भारत को आतंकी को जेल से छोड़ना पड़ा जिसमें पाकिस्तान का पूरा पूरा हाथ था जिस वजह से भारत में तालिबान और पाकिस्तान से रिश्ते खत्म कर दिए थे.
वही अब पाकिस्तान का नाम इस लिस्ट में आने के बाद वह बौखला गया है आई एस आई के पास तालिबान के साथ अपने जुड़ाव को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट रूप से तैयार की गई योजना है जिसे अमल करने की पूरी कोशिश होगी जहां पाकिस्तान तालिबान की सफलता और अच्छे कार्यों के लिए श्रेय का दावा करेगा साथ ही खामियों के लिए वैश्विक समुदाय से सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेगा
वहीं शुक्रवार को अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए पाकिस्तान के एनएसए यूसुफ ने कहा कि पाकिस्तान के नियंत्रण से अफगानिस्तान बाहर करार दिया यूसुफ ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका की वापसी के बाद बदलती स्थिति को लेकर बहुत चिंतित है वह अफगानिस्तान में गृह युद्ध से बुरी तरह प्रभावित होगा उन्होंने यह भी कहा कि शांति के लिए अफगान सरकार को पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने होंगे।
वे आगे कहते हैं कि अफगानिस्तान के हालात पाकिस्तान के नियंत्रण से बाहर है पाकिस्तान सरकार की इसी रणनीति के तहत विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था अफगानिस्तान में गृहयुद्ध जैसी स्थिति होने वाली है ऐसे में पाकिस्तान शरणार्थियों के आगमन को नहीं संभाल पाएगा पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान में स्थिति बढ़ती जा रही जिसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं है.