एक ऐसा व्यक्ति जो देश का दूसरा नागरिक रहा हो, देश का उपराष्ट्रपति रहा हो... उसके ऊपर नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह न सिर्फ देश में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अपने देश की छवि को सकारात्मक बनाने का प्रयास करे न कि अपनी अनर्गल बयानबाजी से देश की छवि को कलंकित करे. लेकिन मोहम्मद हामिद ऐसे नहीं हैं. ऐसा लगता है कि मोहम्मद हामिद अंसारी ने जैसे भारत की छवि को धूमिल करने का टेंडर ले लिया हो. इस्लामिक चरमपंथी संगठन PFI समर्थक मोहम्मद हामिद अंसारी को वो भारत फिर से असहिष्णु लगा है, जिस भारत ने उसे दौलत थी, शोहरत थी, मान दिया, सम्मान दिया, जिस भारत का वह 10 साल तक उपराष्ट्रपति रहा, जो भारत वसुधैव कुटुंबकम को मानता है. अब हामिद अंसारी के विरोध में देश में आक्रोश है हिन्दू सेना ने अब इसको लेकर गृह मंत्री को पत्र लिख दिया है. बता दें कि हिन्दू राष्ट्र सेना ने हामिद अंसारी से वापस लिए जाएं पद्म पुरस्कार और उनके ऊपर दर्ज हो FIR. इस मांग के साथ गृह .
पत्र में हिन्दू सेना ने लिखा - हामिद हामिद अंसारी 10 वर्षों तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था, फिर भी जब भी उन्हें बोलने के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय मंच मिलता है, तो वे देशद्रोही और भारत विरोधी, हिंदू विरोधी बयान देने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। हमारा देश लोकतंत्र का पर्व यानी गणतंत्र दिवस मना रहा था लेकिन उसी दिन पूर्व उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी अपने भाषण से जहर फैला रहे थे। श्री अंसारी ने भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद नामक एक आतंकवादी सहानुभूति समूह के साथ हाथ मिलाया है, जिसके आईएसआई के निर्देशों के तहत भारत में हमलों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं।
अपने भाषण के माध्यम से अंसारी ने भारत में शांति से रह रहे लोगों के बीच नफरत फैलाने के लिए एक खास धर्म को भड़काने की कोशिश की थी। हामिद अंसारी के दुर्भावनापूर्ण इरादों के कृत्यों ने विश्व स्तर पर भारत को बदनाम किया है क्योंकि इस व्यक्ति ने दुर्भाग्य से 10 वर्षों तक उपराष्ट्रपति का पद संभाला था और उनके द्वारा किए गए इस तरह के अभद्र भाषा के कुछ नतीजे हैं। वह आदतन अपराधी बन गया है क्योंकि जब भी उसे मौका मिलता है वह भारत और हिंदुओं के खिलाफ बोलने के लिए उनका इस्तेमाल करता है।
हमारे देश ने हामिद अंसारी को बहुत कुछ दिया है, वह 10 साल तक उपराष्ट्रपति रहे, वह संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के राजदूत थे, यहां तक कि उन्हें वर्ष 1984 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें इतने सारे भत्ते और विशेषाधिकार प्राप्त हैं, फिर भी वे उपराष्ट्रपति के पद को छोड़ने के बाद से भारत को बदनाम कर रहे हैं। श्री के उपरोक्त सभी कार्य।
हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति के अयोग्य थे और उन्हें भारत सरकार से कोई विशेषाधिकार या अनुलाभ नहीं मिलना चाहिए, इसलिए मैं आपसे श्री को प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाओं को वापस लेने का अनुरोध कर रहा हूं। हामिद अंसारी, पद्म श्री पुरस्कार भी उनसे छीन लिया जाना चाहिए और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए भारत के दंड कानूनों की संबंधित धाराओं के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।