कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार काे बैठक हुई थी. बैठक के दाैरान सदस्यों ने गांधी परिवार के प्रति वफादारी दिखाने की पूरी कोशिश की। इस काेशिश में कुछ ऐसे भी बयान सामने आए जाे कि विवाद काे जन्म दे रहे हैं. ऐसा ही विवादित बयान पीडीपी-नेता से सीडब्ल्यूसी के आमंत्रित सदस्य तारिक हमीद कर्रा ने दिया है.
तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि केवल गांधी परिवार ही भारत को एकजुट रख सकता है। इसलिए, राहुल गांधी पार्टी नेतृत्व की भूमिका में वापस आएं।
इसके बाद वे यहीं नहीं रुके, उन्हाेंने नेहरू की प्रशंसा करते हुए, जम्मू-कश्मीर के लोग केवल नेहरू की वजह से भारत में हैं। उन्होंने यह कहकर सरदार पटेल पर निशाना साधा कि, पटेल जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपने के लिए जिन्ना के साथ खड़े थे। उन्हें याद दिलाया कि पटेल भारत के एकीकरण में योगदान वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष थे।
इस दाैरान सीडब्ल्यूसी के कुछ सदस्यों ने कर्रा की बात पर हस्तक्षेप भी किया। वहीं इस बीच चिंता मोहन ने कहा कि पूर्व पीएम और कांग्रेस प्रमुख पीवी नरसिम्हा राव कांग्रेस की विचारधारा के प्रति बेईमान थे। उन्होंने पार्टी को नष्ट करने के लिए काम किया था। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी को 2019 में अमेठी चुनाव में साजिश के तहत हराया गया था। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी 'कांग्रेस (आई)' के खिलाफ 'कांग्रेस (एम)' बनाने के उद्देश्य से कई कांग्रेस नेताओं का अपहरण कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि तृणमूल गोवा में भाजपा की मदद करने के लिए चुनाव लड़ रही है। गाैरतलब है कि बैठक से सवाल यह खड़ा उठता है कि सीडब्ल्यूसी के सदस्य कब वास्तविक थे। वे पूर्णकालिक, व्यावहारिक, कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की जय-जयकार कर रहे थे। या फिर संगठनात्मक चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी दे रहे थे या जब वे संगठनात्मक चुनावों के बिना राहुल गांधी के तत्काल अधिग्रहण की मांग कर रहे थे?