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#15YrsOfSudarshanNews 20 साल से उडीसा जेल में बंद “दारा सिंह” के लिए उठने वाली पहली आवाज है “सुरेश चव्हाणके” जी की

बाकी तमाम तथाकथित सेक्युलर खामोश हैं दारा सिंह का नाम आते ही .

Rahul Pandey
  • Aug 9 2020 4:29PM
ये वो आवाज है जो अब तक किसी के भी मुह से नहीं निकली .. वो २१ साल से जेल की सलाखों के अंदर है और जेल में उसका व्यवहार एकदम सही और न्यायोचित था . उसका कितना टार्चर हुआ इसकी भी आज तक किसी को जानकारी नहीं है . तमाम ऐसे लोग इस बीच में जेल से दया के नाम पर छोड़ दिये गये हैं जो अपनी पत्नियों को टुकड़ों  में काट कर तंदूर में जलाते पकडे गये थे .. जैसे कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील शर्मा और कई नक्सली और आंतकी जिन्होंने जीवन भर भारत के सैनिको पर हमले किये..

उस दारा सिंह को रिहा करवाने की आवाज सबसे पहले सुरेश चव्हाणके जी ने उठाई है . साध्वी प्रज्ञा , कर्नल पुरोहित , मेजर रमेश उपाध्याय , सुधाकर चतुर्वेदी , स्वामी अमृतानन्द , स्वामी असीमानंद , धनञ्जय देसाई आदि की सफल मुहिम छेड़ने और उनको आख़िरकार न्याय दिलाने की मुहिम सफलतापूर्वक चलाने वाले सुरेश चव्हाणके जी ने अब दारा सिंह की रिहाई करवाने की मांग की है . लाइव टीवी पर बोलते हुए उन्होंने दारा सिंह की लगभग पूरी हो चुकी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है .

ज्ञात हो कि खबर से पहले ध्यान देने योग्य है कि कभी धर्मांतरण की मशीन बन चुके उडीसा के ग्रैहम स्टेंस के परिवार को खत्म कर देने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता दारा सिंह को जहाँ पिछले लगभग 20 वर्षो से एक पल के लिए भी जेल से बाहर निकलने नहीं दिया गया .. 22-23 जनवरी वर्ष 1999 की मध्य रात्रि में उड़ीसा के क्योंझर-मयूरभंज जिलों की सीमा पर मनोहरपुर नामक ग्राम में अनगिनत लोगों का धर्मांतरण करवा चुके एक आस्ट्रेलियाई मिशनरी स्टेन्स को उसके परिवार के साथ मार देने की घटना ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया , हमला धर्मनातरण करवाने वालों की जड़ पर था इसीलिए एक नाम बहुत चर्चा में आया जिसे सबने एक स्वर में कहा “दारा सिंह.

इसके बाद दारा सिंह का नाम किसी ने नहीं सुना और न ही किसी ने लिया , दारा सिंह का नाम अब सुरेश चव्हाणके जी ने लिया है और मांग की है कि यदि सरकार को लगता है कि उसकी सजा पूरी हो चुकी है तो उस पर पुनर्विचार किया जाय और उसके साथ भी वही मापदंड अपनाया जाय तो अक्सर अल्पसंख्यक नाम आने के बाद  अपनाया जाता है . याद रखने योग्य है कि ये आवाज इस स्तर पर उठाने वाले सुरेश चव्हाणके जी मीडिया ही नहीं बल्कि लगभग हर वर्ग के प्रथम व्यक्ति है..आज सुदर्शन न्यूज़ के 15 वर्ष पूरे हुए है..

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