निश्चित तौर पर इसे बहुत बड़ा दुस्साहस ही कहा जाएगा कि एक असमाजिक व्यक्ति कथित कारणों से कभी डीएम समस्तीपुर की टि्वटर आईडी बना लेता था तो कभी डीजीपी बिहार की. संभवत उसे गलतफहमी रही होगी उस पर किसी की नजर नहीं गई लेकिन अब तकनीकी रूप से बेहद मजबूत हो चली बिहार पुलिस ने ऐसे असामाजिक तत्व को आखिरकार खोज ही निकाला है और भेज दिया है सलाखों के पीछे उस साइबर अपराधी को जिसने वरिष्ठ अधिकारियों के टि्वटर आईडी को बनाकर उनका दुरुपयोग करने का दुस्साहस किया था।
विदित हो कि जमीनी स्तर पर अपराध व अपराधियों के विरुद्ध बेहद प्रभावी कार्यवाही कर रही बिहार पुलिस ने अपने पराक्रम से बड़े-बड़े नक्सलियों दुर्दांत अपराधियों व कई आतंकियों को या तो दबोच लिया और या तो मार गिराया। यह सभी साहसिक कार्य बिहार पुलिस को अमूलचूल रूप से बदल देने वाले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे जी के नेतृत्व में हुए हैं जिन्होंने बिहार पुलिस की कमान संभालते हुए बिहार को न सिर्फ जमीनी स्तर पर भयमुक्त बनाया है बल्कि सोशल मीडिया को हथियार बनाकर अपराध करने वाले अपराधियों पर भी नकेल कस दी है। इसी का सबसे बड़ा असर यह रहा है कि वर्तमान समय में साइबर अपराध के दृष्टिकोण से भी बिहार काफी सुरक्षित माना जाता है।
यह बिहार पुलिस की योग्यता ही है जो सीमित संसाधनों में वह करके दिखा दी जो दिल्ली व मुंबई जैसी उच्च तकनीक युक्त मानी जाने वाली पुलिस भी नहीं कर पाई। फिलहाल ताजा जानकारी के अनुसार बिहार के समस्तीपुर जिले के थाना उजियारपुर ने बेहद ही सराहनीय कार्य करते हुए एक ऐसे साइबर अपराधी को दबोच लिया है जो कभी जिलाधिकारी तो कभी DGP की आईडी ट्विटर पर बनाकर उसका दुरुपयोग कर रहा था..
गिरफ्तार अभियुक्त का नाम संजय कुमार बताया जा रहा है जिसको पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर के कुशल दिशा निर्देश में समस्तीपुर के उजियारपुर थाना प्रभारी शंभूनाथ सिंह ने गिरफ्तार कर के सुसंगत धाराओं में जेल भेज दिया है.. इस मामले में समस्तीपुर जिले की विशेषकर थाना प्रभारी उजियारपुर की सक्रियता हर तरफ सराही जा रही है.. इसी के साथ बिहार पुलिस ने साइबर अपराध को खत्म करने की दिशा में बढ़ाया है ऐसा कदम जो बिहार की जमीनी व साइबर सुरक्षा दोनों के लिए एक बड़ा व कड़ा संदेश दे रहा है..