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कानपुर के 8 पुलिसकर्मियो के वीरगति के एक और गुनहगार को इटावा पुलिस ने मार गिराया

आकाश तोमर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा ने लगातार नजर रखी थी हालात पर.

Rahul Pandey
  • Jul 9 2020 8:22AM

कानपुर में विकास दुबे नाम की एक दुर्दांत हत्यारे से समाज को मुक्त दिलाने का प्रयास करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए एक डीएसपी सहित 8 बलिदानी पुलिसकर्मियों की आत्मा उस समय  मुस्कुरा उठी होगी जब आज सुबह पहली किरण सूरज की फूटने से पहले एक शुभ समाचार उत्तर प्रदेश पुलिस के  इटावा जिले से आया जहां जांबाज एसएसपी आकाश तोमर के नेतृत्व में पुलिस बल ने एक दुर्दांत अपराधी को मार गिराया   जिसकी पहचान बाद में हत्यारे रणवीर के रूप में हुई जिस पर 50000 का इनाम तो था ही साथ ही उसके हाथ उत्तर प्रदेश के जांबाज पुलिस कर्मियों के खून से रंगे हुए थे।

 ना सिर्फ बलिदानी पुलिसकर्मियों की आत्मा को शांति मिल रही होगी बल्कि उनके परिवार वालों के चेहरे पर भी अब संतुष्टि के भाव साफ देखे जा सकते हैं क्योंकि एक-एक करके सत्ता को चुनौती देने वाले  कृत्य  में शामिल सभी अपराधियों को उनके किए की सजा मिल रही है। इसी के साथ में समाज का अपने रक्षक पुलिस वालों के प्रति विश्वास भी बढ़ रहा है और योगीराज में यह संदेश साफ जा रहा है कि किसी भी प्रकार से कानून को हाथ में लेने वालों का अंजाम निश्चित तौर पर बुरा होगा ही।

ध्यान देने योग्य है कि अमूमन इटावा पुलिस आम दिनों में भी वैसे सतर्कता के उच्च स्तर पर रहती है परंतु इस बीच विकास दुबे प्रकरण के चलते सीमावर्ती जिला होने के कारण अत्यधिक सतर्कता रखे हुए थे। इटावा पुलिस के थाना बकेवर को तड़के सूचना  मिली थी कि स्कॉर्पियो में सवार चार लोग एक शिफ्ट डिजायर लूट कर भाग रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने चारों तरफ से घेराबंदी की और उन्हें वह स्कॉर्पियो दिखाई दे गई।   स्कॉर्पियो वालों से पुलिस ने सरेंडर करने को कहा तो उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी।  जिस प्रकार से पुलिस पर गोलियां बरसाई गई  उससे आज साफ जाहिर हो गया कि इस  वाहन में कुछ ऐसे लोग जरूर बैठे हैं जो  पेशेवर अपराधी है और  किसी को भी मारने में गुरेज नहीं करते । 

 पुलिस के पास आत्मरक्षा के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था और पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें एक अपराधी मौके पर ही ढेर हो गया और तीन अन्य भागने में सफल हो गए।  पुलिस का मारे गए अपराधी की कुछ देर तक से नाक की प्रक्रिया चलती रही और जब शिनाख्त हुई तो पाया गया कि या अपराधी रणवीर शुक्ला नाम का है जो विकास दुबे का बहुत बड़ा करीबी साथी और ₹50000 का इनामी अपराधी था। गत दिनों रात में कानपुर पुलिस के वीर बलिदानियों की हत्या में इस अपराधी का भी हाथ था। फरार हुए तीन अन्य अपराधियों के लिए पुलिस ने जबरदस्त घेराबंदी कर रखी है और माना जा रहा है कि जल्द ही उनके बारे में भी कोई ना कोई समाचार जरूर आएगा।

 

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