एक बार फिर से स्याह सन्नाटा छा गया है उन तमाम दलित समुदाय के तथाकथित शुभचिंतकों में जो असल में एक विशेष एजेंडा चला रहे हैं चरमपंथ को पालने पोषने का .. यह ताजा मामला आया है उत्तर प्रदेश के जिला फतेहपुर से जहां के दलित समुदाय को अब न्याय की आशा योगी आदित्यनाथ शासन और उनके प्रशासन से है।
अपने पूर्वजों की भूमि पर जबरन कब्जा कर जोतने का आरोप लगाते हुए दलित समाज के लोगो ने जिलाधिकरी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जमीन पर अवैध कब्जा रोके जाने व मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग किया।
बुधवार को शहरी क्षेत्र मसवानी, बाकरगंज, चैगलिया अधारपुर के बाशिंदों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन अपर उप जिलाधिकारी को सौंपते हुए उनके पुरखों की भूमि पर किये जा रहे कब्जे को रोके जाने व कब्जा करने वालों पर कार्रवाई किये जाने की मांग किया।
अपने दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि शहर सीमा के भिटौरा रोड स्थित दलित समुदाय की बुजुर्गों से जुड़ी भूमि है जिस पर तारिक मियां, तंजीन वारसी व हाजी रजा द्वारा उक्त भूमि को ट्रैक्टर से जुतवाया जा रहा है। जिसे समुदाय के लोगों द्वारा माना किया गया तो ट्रैक्टर चालकों द्वारा गाली गलौच किया गया।
उन्होंने बताया कि उक्त भूमि का विवाद उप जिलाधिकारी सदर के न्यायालय में विचाराधीन है। जिसके बाद भी भूमि पर जबरन जुताई करके कब्जा करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने मामले की जांच कर उनके पूर्वजों से संबंधि भूमि को बचाये जाने की गुहार लगाई साथ ही कब्जा करने वालों पर जांच कर कार्रवाई किये जाने की मांग किया।
इस मौके पर राजरानी, सुनीता, राजकली, मोहनी, रामदुलारी, संगीता, रामदयाल, रामसखी, रामसजीवन, ज्ञानमती, मलती देवी, भोला प्रसाद, सोहन, रामदयाल, सुशीला, सविता, कमला, रन्नो, जगलाल, गीता देवी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
इस मामले को जानकर और समझ कर भी दलितों के नाम पर हिंदू धर्म के विरुद्ध एजेंडा चला रहे नकली साजिशकर्ता चुप हैं आप वह मुंह फेर कर जिला फतेहपुर के दलितों को उनके हाल पर छोड़ दिए हैं। कुल मिलाकर दबी जुबान से है माना जा रहा है कि उनके लिए तारीख मियां पीड़ित दलितों से अधिक कीमती है।