क्या आपने कभी किसी डरे हुए को डराते हुए देखा है? क्या कभी किसी पिटे हुए को पीटते हुए देखा है? कहा जाता है कि वो डरे हुए हैं. नैरेटिव गढ़ा जाता है कि वो प्रताड़ित हैं. लेकिन देश की राजधानी दिल्ली से आई ये घटना इस बात पर मुहर लगा रही है कि वो डरे हुए नहीं हैं बल्कि डरावने हैं, वो डरे हुए नहीं हैं बल्कि डरा रहे हैं.
हिंदूविहीन होती देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी से इस्लामिक चरमपंथ का भयावह मामला सामने आया है. वो जहांगीरपुरी जहां हिंदू त्यौहारों पर जिहादी हमले होते रहे हैं, हिंदुओं को निशाना बनाया जाता रहा है, उसी जहांगीरपुरी में जिहादियों ने हिंदू लड़के को अपहरण कर निर्ममता की सारी हदें पार कर दी. मिनी पाकिस्तान बन रहे जहांगीरपुरी में तोहिद, अरशद, शादाब, शहजाद और उसके उन्मादी साथियों ने पहले हिंदू लड़के का अपहरण किया. बस फिर क्या था, फिर तो जूता चप्पल बेल्ट जो हाथ में आया वही हिंदू युवक को मारने के लिए प्रयोग में लाया गया.
इसके बाद हिंदू लडके के साथ जो किया गया, वो डरावना था, भयावह था, दिल दहला देने वाला था. तालिबानी अंदाज में पिटाई के बाद पीड़ित हिंदू युवक के साथ कुकर्म किया गया. जिस तरह तालिबान कोड़े बरसाता है, ठीक उसी अंदाज में जहांगीरपुरी में हिंदू युवक पर बेल्ट बरसाई गई. इसके बाद हैवानों ने अपने प्राइवेट पार्ट हिंदू युवक के मुंह में जबरन डाल दिया और मुखमैथुन कराया.
इस दौरान इस्लामिक जिहादी पीड़ित हिंदू युवक को गालियां भी देते रहे. पीड़ित लड़का हाथ जोड़कर छोड़ने की गुहार लगाता रहा. लेकिन आरोपियों का दिल नहीं पिघला और वह बर्बरता करते रहे. कुछ महीने पहले भी इन अपराधियों ने सब्जी बेचने वाले अनिल की चाकुओं से गोदकर ह्त्या कर दी थी. इनके ऊपर मुकदमा भी दर्ज है लेकिन फिर भी इनका कुछ नहीं हुआ.
इंसानियत को शर्मसार करने वाला ये वीडियो अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है. क्या वाकई तथाकथित मुस्लिम वर्ग डरा हुआ है. आखिर कहां है शांति सेवा और न्याय का ध्येय वाक्य रखने वाली दिल्ली पुलिस. क्या हिंदू अपने देश की राजधानी में भी सुरक्षित नहीं है? फैक्ट चेक की दुकान चलाने वाला इकोसिस्टम, हिंदुत्व पर लगातार निशाना साधने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी इस भयावह घटना पर पूरी तरह चुप्पी साध गए हैं.