नए वैरिएंट ओमीक्रॉन का पता लगने के बाद नए वैरिएंट का पता चलने के
बाद ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड,
अमेरिका, सऊदी अरब, श्रीलंका, ब्राजील समेत कई देशों ने अफ्रीकी देशों की
फ्लाइट बैन कर दी है। बता दें कि विदेशी देशों की ओर से यात्रा
प्रतिबंध लगाए जाने से नाखुश दक्षिण अफ्रीका ने शनिवार को कहा कि उसे
एडवांस जीनोम सीक्वेंसींग के जरिए वैरिएंट खोजने की सजा दी जा रही है।
दक्षिण अफ्रीका ने आगे कहा कि इसकी वजह से पर्यटन, अर्थव्यवस्था के बाकी
सेक्टर को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। ओमीक्रॉन वैरिएंटर का सबसे पहले पता साउथ
अफ्रीका में ही लगा है और उसके बाद से बेल्जियन, बोत्सवाना, इजराइल और
हांगकांग में भी इस वैरिएंटी के केस की पुष्टि हुई है। दक्षिण अफ्रीका के
इंटरनेशनल रिलेशन और कॉपरेशन मंत्रालय ने कहा 'यात्रा प्रतिबंधों का यह नया
दौर साउथ अफ्रीका को उसकी उन्नत जीनोम सिक्वेंसिंग और नए वैरिएंट का पता
लगाने की क्षमता के लिए दंडित करने जैसा है।'
मंत्रालय ने आगे कहा कि अच्छे साइंस की
सराहना की जानी चाहिए न कि दंडित किया जाना चाहिए। दरअसल, शुक्रवार और
शनिवार को कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका और इससे संबंधित क्षेत्र के अन्य
देशों में यात्रा प्रतिबंधों की घोषणा की। दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री
नलेदी पंडोर ने एक बयान में कहा कि हमारी चिंता यह है कि इन प्रतिबंधों,
यात्रा और पर्यटन उद्योगों और व्यापा को नुकसान हो रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने कहा
कि अन्य देशों में भी कोरोना के नए वैरिएंट का पता चला था, लेकिन उन देशों
को लेकर जो वैश्विक प्रतिक्रिया सामने आई थी वो दक्षिण अफ्रीका की तुलना
में काफी अलग रही थी। दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों की एक टीम ने बुधवार
को कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट की घोषणा की थी। वैज्ञानिकों ने कहा था
कि उन्होंने उन्होंने एक ऐसे वैरिएंट का पता लगाया है जो संभवत: शरीर की
प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बच सकता है और यह बाकी वैरिएंट की तुलना में
तेजी से फैल सकता है।
दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों की घोषणा के
बाद शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ओमीक्रॉम नाम दिया और
इसे वैरिएंट ऑफ कन्सर्न बताया। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि शुरुआती साक्ष्य के
अनुसार यह फिर से संक्रमण के बढ़ने का संकेत देता है।