कोरोना के बाद अब उसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा देश पर मंडरा रहा है। बताया जा रहा है ये वैरिएंट काफी खतरनाक है .इसको लेकर सरकार लोगों को आगामी सचेत कर रही है . हालांकि देश में नए वैरिएंट का कोई केस सामने नहीं आया है। लेकिन भारत की राज्य सरकारें खासा सतर्कता बरत रहीं हैं। नए कोरोना वायरस के मद्देनजर गुजरात सरकार ने मंगलवार को आठ प्रमुख शहरों में रात का कर्फ्यू (सुबह 1 बजे से सुबह 5 बजे तक) 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। बता दें इस नए वैरिएंट को लेकर आज लोकसभा में चर्चा होगी . वही, कई राज्यों ने कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के सामने आने पर पहली दिसंबर से स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने का निर्णय टाल दिया है।
आपको जानकारी दें दें कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा में बुधवार को कोरोना महामारी पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि यह चर्चा कम अवधि वाली होगी। यह चर्चा नियम 193 के तहत होगी, जिसके तहत सदस्य सार्स-कोव-2 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बारे में विवरण मांग सकते हैं।
कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए सरकार ने मंगलवार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक में जांच बढ़ाने, हॉटस्पाट की कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिए। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव के हवाले से बताया कि आरटी-पीसीआर व आरएटी जांच से यह म्यूटेशन बच नहीं सकता, इसलिए बिना किसी शंका के राज्यों को जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए। इस बीच, गृहमंत्रालय ने कोरोना रोकथाम उपायों को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा, कोरोना से बचाव के नए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे निगरानी का स्तर घटने नहीं दें। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जाए। भूषण ने बताया, हर जिले में ज्यादा से ज्यादा जांच हो। आरटी-पीसीआर जांच का अनुपात बरकरार रखा जाए, ताकि संक्रमण से पूर्व शिकंजा कसा जा सके। टीके की दोनों खुराक देने का काम 31 दिसंबर से पहले पूरा करने का लक्ष्य दिया।
दो सप्ताह में बूस्टर डोज के निर्देश संभव
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, सरकार गंभीर मरीज व कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को टीके की बूस्टर डोज देने पर विचार कर रही है। अगले दो हफ्तों में दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने भी राज्यसभा में बताया कि बूस्टर डोज की जरूरत को लेकर वैज्ञानिक साक्ष्यों पर अध्ययन जारी है, जिसके जल्द नतीजे मिल जाएंगे।
मंजूरी मिल गई तो बच्चों को भी लगेगी कोवाक्सिन
भारत बायोटेक के टीके कोवाक्सिन को 2 से 18 वर्ष आयुवर्ग पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए कोविड विशेषज्ञ समिति की सिफारिश की जांच की जा रही है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगी है। इसकी मंजूरी के बाद ही टीकाकरण शुरू हो सकता है। राज्यसभा में डीएमके के सांसद तिरुचि शिवा ने सरकार से पूछा था कि क्या 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोवाक्सिन देने पर सरकार विचार कर रही है?
स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि भारत बायोटेक द्वारा बच्चों और किशोरों पर किए टीके के क्लिनिकल परीक्षण के परिणामों पर विशेषज्ञ समिति की बैठकों में चर्चा हुई थी। कमेटी ने आपात स्थिति में कई शर्तों के साथ 2 से 18 वर्ष आयुवर्ग के लिए टीके को मंजूरी देने की सिफारिश की है, सरकार इसकी जांच कर रही है।