विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को दुनिया भर के देशों से नए ओमिक्रॉन
वेरिएंट को लेकर चिंताओं के कारण दक्षिणी अफ्रीकी देशों पर उड़ान प्रतिबंध
नहीं लगाने को कहा है। बता दें कि कोई देश अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा रहा है तो कोई अपनी सीमाओं
को सील कर रहा है। जिसकी वजह से दक्षिण अफ्रीका नाराज है। वहीं अब डब्ल्यूएचओ ने भी दक्षिण अफ्रीका का साथ दिया है और
अफ्रीकी देशों को बैन करने वाले देशों की आलोचना की है।
बता दें कि ओमिक्रॉन' स्वरूप से संक्रमण का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पाया गया
था। ओमिक्रॉन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ''चिंताजनक स्वरूप'' के रूप में
वर्गीकृत किया है। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक
मात्शिदिसो मोएती ने देशों से यात्रा प्रतिबंधों का उपयोग करने से बचने के
लिए विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने का आह्वान
किया।
कहा जा रहा है कि अभी यह ''स्पष्ट नहीं
है'' कि क्या कोविड-19 का नया स्वरूप 'ओमीक्रोन' , डेल्टा स्वरूप समेत
अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक है और क्या यह अपेक्षाकृत अधिक
गंभीर बीमारी का कारण है। इस नए लेरिएंट के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि 'ओमिक्रॉन' को लेकर घबराने की कोई जरूरत
नहीं है और इसके बारे में अभी तक पर्याप्त जानकारी नहीं मिली है।
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति
सिरिल रामाफोसा ने भी रविवार को कहा कि कोविड-19 के नए स्वरूप 'ओमिक्रॉन'
के खतरे के बावजूद देश में सबसे निचले यानी 'पहले स्तर' का लॉकडाउन ही लागू
रहेगा। रामाफोसा ने दक्षिण अफ्रीका तथा उसके पड़ोसियों पर यात्रा प्रतिबंध
लगाने वाले 20 से अधिक देशों से आग्रह किया कि अर्थव्यवस्थाओं को और
नुकसान से बचने के लिए प्रतिबंध को तुरंत समाप्त किया जाए, क्योंकि दक्षिणी
अफ्रीकी देश पहले से ही वैश्विक महामारी से प्रभावित हैं।
रामाफोसा ने कहा, 'इस स्तर पर और प्रतिबंध
नहीं लगाने का निर्णय लेते हुए, हमने इस तथ्य पर विचार किया कि जब हमने
संक्रमण की पिछली लहरों का सामना किया, तब टीके व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं
थे और बहुत कम लोगों को टीके लगे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बारह साल की
उम्र तक के सभी लोगों के लिए टीके उपलब्ध हैं और वह भी मुफ्त में। देश में
इसके लिए हजारों केन्द्र बनाए गए हैं।' राष्ट्रपति ने कहा, 'हमें पता है कि
कोरोना वायरस का प्रकोप अभी लंबे समय तक रहेगा, इसलिए हमें अर्थव्यवस्था
के व्यवधानों को सीमित करते हुए और निरंतरता सुनिश्चित करते हुए वैश्विक
महामारी से निपटने के तरीके तलाशने चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'प्रतिबंध उस प्रतिबद्धता से बिल्कुल विपरीत हैं, जो
इनमें से कई देशों ने पिछले महीने रोम में जी20 देशों की बैठक में जताई
थी।' रामाफोसा ने कहा, 'इन देशों ने उस बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन,
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन और ओईसीडी
(आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) जैसे प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों के
तहत, सुरक्षित एवं व्यवस्थित तरीके से अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से शुरू
करने का संकल्प लिया था।'