कोविड़ के ओमिक्रॉन वेरिएंट पर वैक्सीन का
प्रभाव कम होने का डर जताया जा रहा है. जिस पर मॉडेर्ना के चीफ एक्जीक्यूटिव ने कहा कि फिलहाल उपलब्ध कोरोना वायरस के वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट से
निपटने में कम प्रभावी साबित हो सकते हैं. स्टेफाने बेंसेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन नए वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता दे सकने वाली वैक्सीन को
बनाने में दवा निर्माता कंपनियों को कई महीनों का समय लग सकता है.
बेंसेल ने कहा कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन के बड़ी संख्या में
म्यूटेशन होने के चलते नया वेरिएंट ओमिक्रॉन वर्तमान वैक्सीन लगाने के बाद
बने एंटीबॉडीज से बचने में कामयाब हो सकता है.
दुनिया भर में नए वेरिएंट का डर
फाइनेंशियल टाइम्स अखबार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, "मुझे
लगता है, वैक्सीन उस स्तर पर प्रभावी हो ही नहीं सकती...जैसी यह डेल्टा के खिलाफ थी" बेंसेल ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी साल 2022
में 2 से 3 अरब तक वैक्सीन डोज बना सकती है. हालांकि उन्होंने पूरे के
पूरे वैक्सीन प्रोडक्शन को ओमिक्रॉन के खिलाफ मोड़ देने को भी खतरनाक
बताया.
उनका कहना था कि अब भी कोरोना के अन्य वेरिएंट का प्रसार हो रहा है
और ये खतरनाक हो सकते हैं. बायोनटेक कंपनी के सीईओ उगुर साहीन का कहना है कि बायोनटेक और फाइजर
का कोविड-19 टीका नए ओमिक्रॉन वायरस से होने वाली किसी गंभीर बीमारी के
खिलाफ ताकतवर सुरक्षा देगा. हालांकि कंपनी अपने मौजूदा टीके को अपग्रेड करने की जरूरत पर भी विचार कर
रही है.
उगुर साहीन ने कहा, "हम समझते हैं कि इस बात संभावना है कि लोगों
को ओमिक्रॉन से होने वाली गंभीर बीमारी से पर्याप्त सुरक्षा होगी" साहीन के
अनुसार गंभीर बीमारी का मतलब अस्पताल में भर्ती होना या इंटेंसिव केयर की
जरूरत है.
अगले दो हफ्तों में बायोनटेक के कोमिरनाटी टीके की दो या तीन डोज लेने वाले
लोगों के खून की जांच ये पता करने के लिए हो रही है कि उसमें पाई जाने
वाली एंटीबॉडी ओमिक्रॉन को निष्क्रिय करने में सक्षम है या नहीं. इससे ये
पता चलेगा कि क्या ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए नए वैक्सीन की जरूरत है.